कितनी अलग होंगी पुल-पुश ट्रेनें? दिल्ली-मुंबई और पटना के बीच चल सकती है देश की पहली ट्रेन

First Pull-Push Train: पुल-पुश ट्रेनों के कोच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ-चेन्नई) में 23 अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएंगे। सूत्रों ने ये जानकारी साझा की है। पुल-पुश ट्रेनों के लिए विशेष इंजन चितरंजन लोकोमोटिव वर्क-पश्चिम बंगाल में बनाए गए हैं। देश की पहली नॉन-एसी पुल-पुश ट्रेन नंवबर के पहले हफ्ते से चलाई जा सकती है।

Indian Railway Train

कब चलेगी भारत की पहली नॉन-एसी पुल-पुश ट्रेन?

Indian Railway News: देश की पहली नॉन-एसी पुल-पुश ट्रेन नवंबर के पहले हफ्ते से मुंबई और पटना के बीच चलाई जा सकती है। सूत्रों ने ये जानकारी साझा की है केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है। 22 कोच वाली इन ट्रेनों में सिर्फ स्लीपर-जनरल कोच होंगे, जिनका किराया भी सामान्य होगा। मगर इन ट्रेनों की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी, जो राजधानी-शदाब्दी ट्रेनों की तर्ज पर होगी। इसके अलावा पुल-पुश ट्रेनों में बेहतर सुविधाएं भी होंगी।

ट्रेनों के चलाने के समय को लेकर कुछ साफ नहीं

प्रधानमंत्री कार्यायल (पीएमओ) की तरफ से पुल-पुश ट्रेनें चलाने पर अंतिम फैसला लिया जाना है, यही वजह है कि इन ट्रेनों के परिवाचालन को लेकर रेलवे बोर्ड के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और इनके समय और स्टॉपेज के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है। सूत्रों ने ये जानकारी साझा की है कि 23 अक्टूबर तक पुल-पुश ट्रेनों के कोच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ-चेन्नई) में बनकर तैयार हो जाएंगे। पुल-पुश ट्रेनों के लिए विशेष इंजन चितरंजन लोकोमोटिव वर्क-पश्चिम बंगाल में बनाए गए हैं।

कैसी होंगी पुल-पुश ट्रेनें? जानें इनकी खासियत

आपको समझाते हैं कि पुल-पुश ट्रेनें अन्य ट्रेनों से कैसे और कितनी अलग होंगी? इन ट्रेनों में ट्रेन के आगे और पीछे दो इंजन लगेंगे। खास बात ये होगी कि इसे एक ड्राइवर और उसका सहायक ही चलाएगा। इन ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार राजधानी-शताब्दी एक्सप्रेस की तरह 130 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। पुल-पुश ट्रेनों का परिचालन श्रमिकों-कामगारों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन ट्रेनों का नाम 'वंदे जनसाधारण' रखा जा सकता है। पुल-पुश ट्रेनों की 22 कोच में 12 कोच स्लीपर और आठ कोच सेकेंड स्लीपर बर्थ (सिटिंग) के होंगे।
दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना एवं आदि राज्यों में जाने वाले श्रमिकों-कामगारों और तकनीशियनों को ध्यान में रखकर पुल-पुश ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इनमें दो कोच सिर्फ दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित होंगे। इन कोच में चौड़े दरवाजे व चौड़े गलियारे भी होंगे जिससे व्हीलचेयर आने जाने में कोई परेशानी न हो। ट्रेन में हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, विशेष प्रकार की लाइटिंग, यात्री सूचना प्रणाली, बर्थ के कुशन, शौचालय आदि की सुविधाएं होंगी।
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