हर चीनी चाल होगी नाकाम: सीमा पर भारत का 'चक्रव्यूह', मिसामारी में प्रचंड का पहला स्क्वाड्रन तैयार

एलएसी पर प्रचंड की तैनाती से भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि होगी क्योंकि यह अब तक का सबसे हल्का और सबसे तेजी से हमला करने वाला हेलीकॉप्टर है। यह अरुणाचल प्रदेश की संकरी घाटियों में भी आराम से उड़ान भर सकता है। इसकी तैनाती से भारत, चीन के सामने और मजबूत होगा।

LCH indian army

भारत का पहला प्रचंड स्क्वाड्रन तैयार (फोटो- इंडियन आर्मी)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल
भारतीय सेना इसी महीने भारत के पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर एलसीएच का पहला स्क्वाड्रन रेज करने वाली है। भारत के पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर को HAL द्वारा बनाया गया है और इसे नाम दिया गया है प्रचंड। प्रचंड का यह पहला स्क्वाड्रन असम के मिसामारी एयर बेस पर बनाया जा रहा है। जहां से इन्हें चंद मिनटों में एलएसी पर डेप्लॉय किया जा सकता है।
जटिल ऑपरेशंस को अंजाम देती है भारतीय सेना की एविएशन ब्रिगेड
गलवान में हुए खूनी संघर्ष और एलएसी पर भारत और चीन के बीच बढ़ी तनातनी के बाद भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में अपने पहले एविएशन ब्रिगेड को और मजबूत किया। इस एविएशन ब्रिगेड के जरिए पूर्वोत्तर में होने वाले तमाम ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जाता है। जिनमें अनमैंड एरियल व्हीकल, एएलएच हेलीकॉप्टर रूद्र और तमाम तरह के दूसरे सर्वेलेंस असेट्ज शामिल हैं। अब एलसीएच इस एविएशन ब्रिगेड का हिस्सा बनकर भारतीय सेना के एविएशन की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे। मिसामारी एयर बेस में शुरू होने वाले प्रचंड के पहले स्क्वाडर्न से न सिर्फ पूर्वी लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों बल्कि अरुणाचल प्रदेश के घने जंगल वाली और पहाड़ी सीमाओं पर चीन के मंसूबों पर लगाम लगाई जा सकेगी। अब तक एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर्स भारतीय सेना के एविएशन कोर के पास थे। उनसे ना सिर्फ डेप्लॉयमेंट्स, लॉजिस्टिक मूवमेंट और निगरानी की जाती थी बल्कि उनमें इंटीग्रेट किए गए मिसाइल सिस्टम सीमा पर किसी भी तरह के हमले का जवाब देने में भी सक्षम हैं। LCH के अलावा भारतीय सेना में अमेरिका से लिए गए 6 अपाचे हेलीकॉप्टर भी शामिल होने वाले हैं।
भारतीय सेना के लिए एलएसी पर गेमचेंजर साबित होगा प्रचंड
प्रचंड के एलएसी पर तैनात होने से भारतीय सेना के कैपेबिलिटी में इजाफा इसलिए भी होगा क्योंकि एलसीएच अब तक का सबसे हल्का और पतला अटैक हेलीकॉप्टर है जो अरुणाचल प्रदेश की संकरी घाटियों में आराम से उड़ कर सकता है। यह लद्दाख की भीषण ठंड में भी अटैक ऑपरेशंस को अंजाम दे सकता है और अरुणाचल के बारिश और बादल वाले मौसम में भी कारगर है। डेप्लॉयमेंट से पहले एलसीएच के तमाम ट्रायल्स इन इलाकों में किए जा चुके हैं। एलसीएच की खूबी है कि यह लो लेवल पर फ्लाई करते हुए चीन के निगरानी करने वाले रडार सिस्टम और ड्रोन से बच सकता है। हाल ही में भारतीय सेना के एविएशन विंग को पांच एलसीएच हैंडोवर किए जा चुके हैं लेकिन भारतीय सेना तकरीबन 95 और प्रचंड हेलीकॉप्टर इंडक्ट करना चाहती है जो आने वाले सालों में एचएल से उसे मिलने वाले हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे इंडक्शन में शामिल
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 15 नवंबर के आसपास मिसामारी में एलसीएच प्रचंड को औपचारिक रूप से भारतीय सेना में इंडक्ट कराएंगे और वहीं एलसीएच के पहले स्क्वाडर्न की भी शुरुआत हो जाएगी। इससे पहले 3 अक्टूबर को जोधपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रचंड को भारतीय वायुसेना में शामिल कराया था और इस मौके पर उन्होंने खुद प्रचंड में उड़ान भी भरी थी। भारतीय वायुसेना को अब तक 10 एलसीएच हेलीकॉप्टर्स सौंपे जा चुके हैं।
क्या हैं दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलीकॉप्टर LCH की खूबियां
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलीकॉप्टर्स में से एक है, क्योंकि यह 21000 फीट तक की ऊंचाई पर भी आसानी से ऑपरेट कर सकता है। LCH की रफ्तार 268 किमी प्रतिघंटा है, जबकि इसकी रेंज 550 किलोमीटर से भी ज्यादा है। एलसीएच एक बार में 3 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है। इसमें 20 एमएम कैनन, 70 एमएम के रॉकेट लॉन्चर के अलावा जरूरत के हिसाब से अत्याधुनिक बम और रॉकेट भी इंटीग्रेट किए जा सकते हैं। एलसीएच में लगाए गए अत्याधुनिक सेंसर और एविओनिक्स दूर से ही दुश्मन कि किसी भी गतिविधि की चेतावनी दे देते हैं यानि एलसीएच पर वार करना नामुमकिन है। भारतीय सेना के पहली स्क्वाडर्न में शामिल होकर यह अटैक हेलीकॉप्टर चीन और पाकिस्तान के खिलाफ भारत के डेप्लॉयमेंट को और मजबूती देगा।
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शिवानी शर्मा author

19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर काम किया है। सीमाओं पर देश के वीरों का शौर्य, आत्मन...और देखें

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