दुनिया में ऐसा पहली बार! RRTS Connect App पर 'वन-टैप टिकटिंग' चालू, जानिए आपको क्या मिलेगा लाभ
यह इनोवेटिव वन-टैप बुकिंग सुविधा यात्रियों के लिए टिकटिंग प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाती है। इससे टिकट खरीदने की प्रक्रिया में डिजिटल क्यूआर कोड जेनेरेट करने के लिए ऐप में न ही प्रस्थान स्टेशन और न ही गंतव्य स्टेशन का चयन करने की आवश्यकता होगी।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
नमो भारत ट्रेनों में यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए एनसीआरटीसी ने 'आरआरटीएस कनेक्ट' मोबाइल ऐप के माध्यम से "वन-टैप टिकटिंग" की सुविधा शुरू की है, जो अपने तरीके की विश्व की पहली ऐसी सुविधा है। यह अपने आप में एक ऐसा अनोखा फीचर है, जो यात्रियों को आरआरटीएस स्टेशन परिसर के 300 मीटर के दायरे में कहीं से भी, केवल एक टैप से, आरआरटीएस कनेक्ट ऐप पर यात्रा के लिए क्यूआर कोड जनरेट करने की आज़ादी देगा। इस फीचर की मदद से यात्री को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए क्यूयार कोड जनरेट करने के लिए न ही तो ऐप में गंतव्य स्थान लिखने और न ही यात्रा के लिए एडवांस टिकट बुक करने की ज़रूरत है। सिर्फ ऐप में वन टैप बुकिंग पर क्लिक करते ही यात्रा के लिए क्यूआर टिकट जेनेरेट हो जायगा।
वर्तमान समय में लोगों के पास समय की कमी है और लोग इतने व्यस्त हैं कि उनका शेड्यूल कभी-कभी उन्हें पहले से यात्रा की योजना बनाने की अनुमति नहीं देता है। ऐसी परिस्थिति में निर्बाध और परेशानी मुक्त यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के एनसीआरटीसी के प्रयासों के अनुरूप, यह पहल यात्रियों को सहजता से यात्रा करने की सुविधा प्रदान करेगी और यात्रा के दौरान बिना किसी दुविधा के यात्री अपना गंतव्य स्थान भी बदल सकेंगे।
यह इनोवेटिव वन-टैप बुकिंग सुविधा यात्रियों के लिए टिकटिंग प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाती है। इससे टिकट खरीदने की प्रक्रिया में डिजिटल क्यूआर कोड जेनेरेट करने के लिए ऐप में न ही प्रस्थान स्टेशन और न ही गंतव्य स्टेशन का चयन करने की आवश्यकता होगी। आम तौर पर ऐसे किसी भी ऐप को यात्रा की शुरुआत में प्रस्थान और गंतव्य चयन की आवश्यकता होती है, जिससे यात्रा के दौरान गंतव्य स्थान नहीं बदला जा सकता।
इस नए जमाने की सुविधा का लाभ उठाने के लिए, यात्रियों को 'आरआरटीएस कनेक्ट' मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा और इसका लाभ उठाने के लिए कुछ सरल शर्तें सुनिश्चित करनी होंगी। यात्रियों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए अपने ई-वॉलेट को मोबाइल एप्लिकेशन से लिंक करना होगा और ई-वॉलेट में न्यूनतम राशि रखनी अनिवार्य होगी, जो केवल 100 रुपए होगी।
इसके साथ ही यात्रियों को इस ऐप का उपयोग करते समय अपने मोबाइल फोन की लोकेशन सेवाओं को एक्टिव करना होगा, ताकि ऐप टिकट बुक करते समय ऐप यात्रा के लिए प्रयुक्त आरआरटीएस स्टेशन की लोकेशन को आसानी से पहचान सके। यह सेटअप एक बार की प्रक्रिया है, जो भविष्य की सभी नमो भारत यात्राओं के लिए वन-टैप टिकट बुकिंग को सक्षम करेगा।
इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद, आरआरटीएस कनेक्ट मोबाइल एप्लिकेशन पर एक टैप के साथ क्यूआर कोड जनरेट हो जाएगा, जिसकी मदद से यात्री आरआरटीएस स्टेशन में क्यूआर कोड स्कैन करके प्रवेश कर सकेंगे और कॉरिडोर के किसी भी स्टेशन पर उसी क्यूआर कोड को स्कैन करके अपनी यात्रा समाप्त कर सकेंगे। क्यूआर कोड स्कैन के जरिए यात्री द्वारा की गई यात्रा के लिए गंतव्य स्टेशन के एएफसी गेट से बाहर निकलते समय निर्धारित राशि ऑटोमैटिक रूप से ई-वॉलेट से कट जाएगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए एनसीआरटीसी द्वारा विभिन्न तरीकों से टिकट खरीदने के विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। जिनमें आरआरटीएस कनेक्ट एप्लिकेशन के माध्यम से 'वन-टैप' के जरिए डिजिटल क्यूआर कोड-आधारित टिकट या प्रस्थान-गंतव्य चयन आधारित टिकट, टिकट वेंडिंग मशीनों (टीवीएम) पर बैंक नोट्स और यूपीआई-इनेबल्ड टीवीएम के माध्यम से पेपर क्यूआर कोड-आधारित टिकट शामिल हैं।
इसके साथ ही इन टीवीएम मशीनों में नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को रिचार्ज करने की भी सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा यात्री आरआरटीएस कम्यूटर कार्ड भी खरीद सकते हैं। भारत सरकार के "एक राष्ट्र, एक कार्ड" दृष्टिकोण के अनुरूप, यह कम्यूटर कार्ड एक नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) है, जो सभी पारगमन प्रणालियों में एक कार्ड के उपयोग की अनुमति देता है और कहीं भी कार्ड से भुगतान संभव है।
आरआरटीएस प्रणाली यात्रियों को यात्रा के लिए संचालन के पहले दिन से किसी भी देश भर की किसी भी एनसीएमसी कार्ड का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर रही है। साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का 17 किमी लंबा प्राथमिकता खंड अब लोगों के लिए संचालित हो चुका है। इस सेक्शन में पांच स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने 20 अक्टूबर को भारत की पहली नमो भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी और भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। दिल्ली से मेरठ तक 82 किमी लंबे सम्पूर्ण कॉरिडोर को जून 2025 तक संचालित करने का लक्ष्य है।
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