अब रोप वे से जा सकेंगे बरसाना, पहला ट्रायल हुआ सफल; 2016 में शुरू हुई थी परियोजना

Barsana Ropeway Project: बरसाना में रोप वे की सुविधा जल्द ही श्रद्धालुओं को मिल सकेगी। करीब आठ साल के इंतजार के बाद रोपवे का काम करीब पूरा हो चुका है। बरसाना रोप वे परियोजना का पहली बार मंगलवार को ट्रायल के तौर पर संचालन किया गया।

Barsana Ropeway

बरसाना रोप वे का पहला ट्रायल सफल

Barsana Ropeway Project: बरसाना रोप वे परियोजना का पहली बार मंगलवार को ट्रायल के तौर पर संचालन किया गया। ट्रायल के दौरान दो पेंडोला लगाए गए। इनको नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे के कई चक्कर लगवाए गए। बुधवार यानी आज रोप वे का लोड ट्रायल होगा। 15 दिन तक इसी प्रकार विभिन्न चरणों में ट्रायल के बाद इसका संचालन श्रद्धालुओं के लिए शुरू किया जाएगा। इसके बाद बरसाना में दर्शन को आने वाले भक्तों को सीढ़ियों चढ़कर जाने की बजाए रोप वे के जरिये पहुंचने की सुविधा मिल सकेगी।

2016 में शुरू हुई थी बरसाना रोप वे परियोजना

जानकारी के लिए बता दें, बरसाना के ब्रह्माचल पर्वत स्थित लाडली जी मंदिर तक रोप वे परियोजना 2016 में शुरू हुई थी। इस रोप वे के जरिये भक्त राधारानी के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। एमवीडीए (MVDA) के निर्देशन में राधारानी रोप वे एजेंसी द्वारा दो टावर स्थापित किए गए हैं। एक स्टेशन नीचे जहां से श्रद्धालु पेंडोला में बैठेंगे और दूसरा ऊपर राधारानी मंदिर के समीप बनाया गया है। वहां श्रद्धालु पेंडोला से उतरकर मंदिर की ओर जाएंगे। दोनों स्टेशन बनकर पहले ही तैयार हो गए हैं। रोप वे पर चलने के लिए इंडोनेशिया से 12 पेंडोला लाए गए थे। इनमें छह एक समय में दोनों स्टेशन के बीच चलेंगे, जबकि तीन-तीन दोनों स्टेशनों पर श्रद्धालुओं को उतारने और चढ़ाने के लिए उपयोग में रहेंगे। एक पेंडोला में एक बार में छह श्रद्धालु सफर कर सकेंगे। महज चार मिनट में वह अपना सफर तय कर सकेंगे।

जल्द हो जाएगा किराये का निर्धारण

एमवीडीए के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि बरसाना में नीचे से चढ़ाई कराकर राधारानी मंदिर तक पहुंचाने वाले रोप वे का मंगलवार को ट्रायल सफलतापूर्वक हुआ। 2016 में मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने बरसाना में रोप वे के संचालन के लिए राधारानी रोप वे प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के साथ अनुबंध किया था। करीब 15 करोड़ की यह परियोजना पीपीपी मॉडल पर क्रियान्वित की गई है। आठ वर्ष में विभिन्न प्रकार की बाधाओं के बाद अब यह परियोजना पूरी हो सकी है। रोप वे संचालित करने वाली कंपनी प्रति वर्ष के हिसाब से विकास प्राधिकरण को धनराशि देगी। रोप वे से यात्री राधारानी के दर्शन के साथ साथ ब्रह्मांचल पर्वत की सुंदरता का भी लुत्फ उठा सकेंगे। हालांकि अभी किराए का निर्धारण नहीं किया गया है।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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