पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन हवा से बातें करने को तैयार, जानिए क्या है ताजा अपडेट

वंदे मेट्रो का सुहाना सफर आपने किया होगा और अब जल्द ही वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी पटरी पर दौड़ती हुई नजर आएगी। इसको लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वयं संसद में बयान दिया है। उन्होंने बताया कि पहली वंदे भारत स्लीपर बनकर तैयार है और उसके अंतिम टेस्ट किए जा रहे हैं।

Vandebharat sleeper train

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन

वंदे भारत ट्रेन आधुनिक भारत की ट्रेन है। अभ तक वंदे भारत ट्रेनों को छोटी दूरी के लिए लिए चलाया जा रहा है। दो शहरों के बीच चलाई जा रही वंदे भारत ट्रेनें अभी इतनी दूरी तक ही चलाई जा रही हैं, जिनकी दूरी 8-10 घंटे में पूरी हो जाती है। लंबे समय से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper train) और वंदे भारत मेट्रो (Vande Metro) को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं। आखिरकार अब वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को लेकर अपडेट है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कल यानी गुरुवार 1 अगस्त को ही लोकसभा में इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बनकर तैयार हो चुकी है और फिलहाल उस पर कुछ टेस्ट किए जा रहे हैं। चलिए इस बारे में और जानते हैं -

सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहावंदे मेट्रो को जहां ईएमयू (EMU) की जगह चलाए जाने की योजना है, वही वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें लंबी दूरी के लिए बनाई जा रही हैं। लंबी दूरी की वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में हर सुविधा को बड़ी ही सावधानीपूर्वक डिजाइन किया जा रहा है। रेल मंत्री ने बताया कि पहली ट्रेन बन चुकी है और उस पर कुछ जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं।

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रेल मंत्री ने बताया कि इन वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को इस तरह से तैयार किया जा रहा है, ताकि 700-1000 किमी की दूरी तय करने वाले यात्री आरामदायक सफर कर सकें। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम BEML तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 की समाप्ति से पूर्व 10 ऐसी स्लीपर ट्रेनें डिलीवर करने का है।

वंदे मेट्रो भी हो रही टेस्टरेल यात्रा की बढ़ती मांग पर रेल मंत्री ने बताया कि अगले कुछ महीनों में औसतन 2500 जनरल कोच बनाए जाएंगे। इसके अलावा 10 हजार अतिरिक्त जनरल कोच भी जल्द बनाए जाएंगे, ताकि उपलब्धता से जुड़ी कोई समस्या न हो। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिर्फ वंदे भारत स्लीपर के बारे में ही जानकारी नहीं दी। उन्होंने छोटी यानी 150-200 किमी की दूरी तय करने के लिए बनाई जा रही वंदे मेट्रो ट्रेन का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वंदे मेट्रो का टेस्ट किया जा रहा है और यह यात्री सुविधाओं में इजाफा करेगी।

ट्रेन एक्सीडेंट पर भी बोले मंत्रीहाल के दिनों में एक के बाद एक हुए कई ट्रेन हादसों को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे प्रश्नों पर रेल मंत्री ने विपक्ष पर हमला किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस के करीब 60 साल के कार्यकाल में ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) इंस्टॉल नहीं हो सका। कवच (Kavach) नाम से भारत का अपना ATP साल 2014 में बन कर तैयार हुआ। कवच का पहला ट्रायल साल 2016 में हुआ और इसके लिए साल 2019 में STL-4 सर्टिफिकेशन मिला।

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रेल मंत्री ने बताया कि ATP प्रणाली के क्रियान्वयन (implementation of ATP system) के लिए साल 2022 में 3000 किमी लंबा प्रोजेक्ट शुरू किया गया। साल 2024 में कवच का 4.0 वर्जन अप्रूव किया गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा को लेकर साल 2023-24 में 98 हजार, 414 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और 2024-25 के लिए 1 लाख, 8 हजार, 795 करोड़ आवंटित किए गए हैं।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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