मुख्य बातें
- बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक जारी है, बच्चों पर हमले कर रहे भेड़िये
- भेड़ियों के हमले में अब तक 8 बच्चों की मौत हो चुकी है, दो महिलाएं घायल
- अब तक चार भेड़ियों का पकड़ा जा चुका है, अभी कई भेड़िये पकड़ से बाहर
Bahraich Wolf Attack News In Hindi: बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थम नहीं रहा है। वे लगातार बच्चों को उठा रहे हैं। बीती रात भेड़िये ने पांच साल की एक बच्ची को उठाकर ले जाने की कोशिश की। हालांकि, वह इसमें नाकाम हुआ। देर रात हुए भेड़िये के इस हमले में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। महसी सीएचसी के प्रभारी ने बताया कि बच्ची का इलाज किया जा रहा है। बता दें कि रविवार रात भेडिया एक ढाई साल की बच्ची को उठाकर ले गया। भेड़ियों के हमले में बहराइच में अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है। अब तक चार भेड़िये पकड़े जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि अभी दो भेड़िये पकड़ से बाहर हैं, वन विभाग की टीम इन्हें पकड़ने में जुटी है। बहराइच में भेड़ियों के आतंक को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की।
ग्रामीणों का शोरगुल सुनकर भागा भेड़िया
जानकारी के मुताबिक भेड़िये ने सोमवार रात अफसाना नाम की बच्ची पर जानलेवा हमला किया। बच्ची अपनी मां के साथ सो रही थी। इसी दौरान उसने बच्ची का गर्दन पकड़ने की कोशिश की। बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर परिजनों ने शोर मचाया। ग्रामीणों का शोरगुल सुनकर खूंखार भेड़िया बच्ची को छोड़ कर फरार हो गया। सूचना पाते ही मौके पर क्षेत्रीय भाजपा विधायक पहुंचे। विधायक सुरेश्वर सिंह ने घायल बच्ची को अस्पताल भिजवाया। यह घटना थाना रामगांव इलाके के पडोहिया गिरधर पुरवा की है।
नये इलाकों में हमले कर रहे भेड़िये
पड़ोसी सीतापुर जिले में भी भेड़ियों के हमले की आशंका है। खास बात यह है कि भेड़िये अब नये इलाकों में हमले कर रहे हैं। बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सोमवार को मौके पर पहुंचकर संवाददाताओं को बताया कि भेड़िये के हमले में ढाई वर्षीय अंजलि की मौत हो गयी तथा दो महिलाएं घायल हो गयी। जुलाई से अब तक इस हिंसक वन्य जीव के हमलों के कारण अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि महसी तहसील क्षेत्र के हरदी थाना इलाके में गरेठी गुरुदत्त सिंह के नव्वन गरेठी मजरे में एक/दो सितंबर की रात घर में मां के साथ सो रही ढाई साल की बच्ची अंजलि को भेड़िया उठा ले गया। चीख सुनने पर परिजन उसके पीछे भागे, लेकिन कोई पता नहीं चल सका। तलाश करने पर गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर अंजलि का क्षत-विक्षत शव पाया गया। भेड़िया बच्ची के दोनों हाथ खा गया।
कमला देवी को छोड़कर भाग गया
दूसरी घटना हरदी थाना क्षेत्र के बाराबिगहा के मौजा कोटिया में हुई। यहां कमला देवी (70) सोमवार सुबह घर में लेटी थी, तभी दरवाजे की रस्सी तोड़कर भेड़िया भीतर घुसा और हमला कर उन्हें घायल कर दिया। परिजनों के शोर मचाने पर भेड़िया कमला देवी को छोड़कर भाग गया। गंभीर रूप से घायल कमला देवी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। महिला की गर्दन, मुंह और कान पर चोटें आई हैं। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि तीसरी घटना में रविवार व सोमवार की दरमियानी रात महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र में स्थित पिपरी मोहनपुर गांव निवासी सुमन देवी (45) पत्नी रामलोचन मौर्य को भेड़िए ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।महिला का उपचार चल रहा है। पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ल ने अस्पताल पहुंच कर घायल महिला के इलाज का जायजा लिया है।
गरेठी गांव में भेड़िये के हमले की पहली घटना
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि महसी तहसील के गरेठी गांव में भेड़िये के हमले की यह पहली घटना है। उन्होंने बताया कि हमलावर भेड़िये अब नये गांवों में हमले कर रहे हैं। चार पांच दिन के अंतराल पर यह घटनाएं हो रही हैं। मोनिका रानी के अनुसार जिन गांवों में पहले घटना हुई है वहां और आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में पुलिस, प्रशासन, पीएसी, वन विभाग के कर्मियों को तैनात किया गया है। चार भेड़िये पकड़े भी गये हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में लोगों को लगातार जागरुक किया जा रहा है कि वह दरवाजे बंद करके या घरों की छतों पर सोएं, खुले में ना सोएं तथा विशेष रूप से सचेत रहें।
बरसात के मौसम में 17 जुलाई से हमले बढ़े
मोनिका रानी ने कहा, "अभी तक दो भेड़ियों के हमलावर होने की बात सामने आ रही है। लेकिन संख्या को लेकर भी वन विभाग विशेष रूप से अपनी जानकारी एकत्र कर रहा है। जांच पूरी होने पर सही संख्या बताई जा सकती है।" गौरतलब है कि बहराइच के महसी तहसील क्षेत्र में मार्च से ही इंसानों पर भेड़ियों के हमले हो रहे हैं। बरसात के मौसम में 17 जुलाई से हमले बढ़े हैं और हमलों में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो चुकी है तथा 30 से अधिक लोग हमलों में घायल हुए हैं। इस क्षेत्र में विभिन्न विभागों, गैर-सरकारी संगठनों और ग्रामीणों की 100 के करीब टोलियां रात भर जागकर गश्त करती हैं। पीएसी के 200 जवान, पुलिस व वन विभाग के कई जवान भेड़िये पकड़ने व ग्रामीणों की सुरक्षा में जुटे हैं।