चारा घोटाला मामला: बैडमिंटन खेल रहे हैं लालू यादव, CBI ने कोर्ट से कहा- जमानत रद्द की जाए
CBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चारा घोटाला मामले में मेडिकल आधार पर जमानत मिलने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद बैडमिंटन खेल रहे हैं। उनकी जमानत रद्द की जाए।
सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की मांग की।
नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चारा घोटाला मामले में मेडिकल आधार पर जमानत मिलने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद बैडमिंटन खेल रहे हैं। सीबीआई ने इस आधार पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को दी गयी राहत निरस्त करने का न्यायालय से अनुरोध किया। प्रसाद के वकील ने राजद नेता की जमानत रद्द करने के किसी भी कदम का विरोध करते हुए कहा कि हाल ही में उनका किडनी प्रत्यारोपण हुआ है। सीबीआई ने डोरंडा कोषागार में अनियमितता मामले में प्रसाद की जमानत रद्द करने की मांग की है। इस मामले में लालू यादव को 5 साल जेल की सजा सुनायी गयी थी।
सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि राजद प्रमुख को जमानत देने का झारखंड हाईकोर्ट का आदेश ‘कानून की दृष्टि से खराब’ और ‘त्रुटिपूर्ण’ था। प्रसाद का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री की किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी का हवाला देकर सीबीआई की अर्जी का विरोध किया। सिब्बल ने दलील दी कि प्रसाद ने इस मामले में पहले ही 42 माह जेल में बिता लिये हैं।
राजू ने न्यायालय को अवगत कराया कि वह (प्रसाद) बैडमिंटन खेल रहे हैं। मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जमानत दी गई है। मैं साबित करुंगा कि हाईकोर्ट का आदेश कुल मिलाकर खराब है। कानून का एक छोटा सा सवाल है। जमानत इस गलत धारणा पर दी गई है कि उन्होंने (प्रसाद ने) साढ़े तीन साल से अधिक जेल में काट लिया है तथा सजाएं साथ-साथ चलने वाली हैं, एक के बाद एक नहीं।
राजद सुप्रीमो को 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े पांच मामलों में जेल की सजा हुई है। यह घोटाला 1992 से 1995 के बीच उस वक्त हुई थी जब प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे और वित्त एवं पशुपालन विभाग का जिम्मा भी संभाल रहे थे। न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी।
जमानत रद्द करने संबंधी सीबीआई की अपील पर अपने जवाब में प्रसाद ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया और कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। झारखंड उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल, 2022 को डोरंडा कोषागार गबन मामले में 75-वर्षीय प्रसाद को जमानत दे दी थी।
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