गुजरात विधानसभा के इतिहास में पहली बार नहीं होगा नेता प्रतिपक्ष, जानें क्या है नियम

182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के पास सिर्फ 17 विधायक हैं। नियम के हिसाब से कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिल सकता है।

गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं

लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का महत्व बराबर का होता है। जहां सत्ता पक्ष नीतियों, योजनाओं के जरिए विकास के नए आयाम गढ़ने की बात करता है वहीं विपक्ष खामियों को गिना सरकार पर दबाव बनाता है। लेकिन फर्ज करें कि अगर किसी राज्य में सदन नेता प्रतिपक्ष विहीन हो तो क्या होगा। गुजरात विधानसभा का इस समय सत्र चल रहा है। सत्ता पक्ष के सामने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका में हैं लेकिन कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है। दरअसल नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी हासिल करने के लिए किसी भी दल को कुल सीटों का 10 फीसद हिस्सा मिलना चाहिए। लेकिन गुजरात में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उस शर्त पर खरे नहीं उतर रहे। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से स्पीकर शंकर लाल चौधरी से नेता प्रतिपक्ष की गुजारिश की गई थी। लेकिन नियमों का हवाला दे स्पीकर ने अर्जी खारिज कर दी।

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नेता प्रतिपक्ष बनने के नियम
  • गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीट
  • नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए 10 फीसद सीट की जरूरत
  • इस नियम के मुताबिक कांग्रेस के पास 18 विधायक होने चाहिए
  • लेकिन कांग्रेस सिर्फ 17 सीट हासिल करने में कामयाब हुई थी

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