पहली बार प्रलय मिसाइल होगा गणतंत्र दिवस परेड में शामिल, जानिए इसकी खासियत

इस साल गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। ये विमान वायुसेना के 10 अलग-अलग ठिकानों से उड़ान भरेंगे।

प्रलय मिसाइल टेस्टिंग के दौरान (फोटो- DRDO)

गणतंत्र दिवस 2025 में पहली बार प्रलय मिसाइल भी परेड में दिखेगा। प्रलय मिसाइल को डीआरडीओ ने बनाया है और यह काफी घातक माना जाता है। यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में ‘संविधान के 75 साल’ की झलक देखने को मिलेगी। कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में 'संविधान के 75 वर्ष' थीम पर दो विशेष झांकियां शामिल की गई हैं। समारोह के अंत में छोड़े जाने वाले सैकड़ों गुब्बारों पर भी संविधान से जुड़ी यह थीम लिखी होगी।

प्रलय मिसाइल की खासियत

इस वर्ष पहली बार ‘प्रलय मिसाइल’ को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जा रहा है। भारत में बनी 'प्रलय' एक आधुनिक और बेहद घातक मिसाइल है। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।

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