विदेश मंत्री एस जयशंकर का चीन को लेकर विपक्ष को करारा जवाब

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के बारे में कहा कि यह भारत का एकमात्र ऐसा पड़ोसी देश है जो एक वैश्विक शक्ति है और आने वाले वर्षों में एक महाशक्ति बन सकता है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर

पुणे: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगर किसी जमीन की बात करते हैं तो ये जमीन 1962 में चीन ने कब्जा किया था, वे(विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाएंगे ये कल परसों हुआ है। अगर मेरी सोच में कमी है तो मैं अपनी फौज या इंटेलिजेंस से बात करूंगा। मैं चीनी एंबेसडर को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।

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जयशंकर ने कहा कि भारत में पिछले 8 से 9 वर्षों में बहुत बड़ा बदलाव देखा गया है और आत्मनिर्भर बनने के बाद देश एक अग्रणी ताकत होगा। यहां अपनी किताब द इंडिया वे के मराठी अनुवाद भारत मार्ग के विमोचन के मौके पर जयशंकर ने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को राष्ट्र की विदेश नीति से जोड़ना था न कि केवल मंदारिनों (आमतौर पर प्रभावशाली नौकरशाहों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) को सुनना। उन्होंने चीन और महत्वाकांक्षी उत्तरी पड़ोसी के साथ-साथ जापान के साथ भारत के संबंधों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भूमिका के साथ देश के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी बात की।

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उन्होंने कहा कि इसमें आठ अध्याय हैं। मैं चाहता था कि लोग (देश की) विदेश नीति से जुड़ें। मैं केवल दिल्ली ही नहीं, अन्य राज्यों के लोगों को भी शामिल करना चाहता हूं। मैंने इस पुस्तक को सरल भाषा में लिखा है और इसे आसानी से पढ़ा जा सकता है। जयशंकर ने कहा कि पहला अध्याय दो नवाबों द्वारा शतरंज खेलते हुए ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों अवध को खोने के बारे में है, दूसरा अध्याय वैश्वीकरण और इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के बारे में है, और तीसरा अध्याय दिल्ली के सिद्धांत जो पारंपरिक रूप से परिभाषित है।

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