Jammu Kashmir: अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद घाटी में विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़ी

एक साल पहले यानि कि 2021 में अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के तुरंत बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान का ही शासन है। तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से उस पर आतंकी गतिविधियों को लेकर कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं।

तालिबान की वापसी के बाद कश्मीर में विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़ी

मुख्य बातें
  • कश्मीर में बढ़ी है विदेशी आतंकियों की संख्या
  • हालांकि आतंकी गतिविधियों में आई है कमी
  • टारगेट किलिंग, सेना के सामने है नई चुनौती

तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी के बाद से कश्मीर में विदेशी आतंकियों की संख्या बढ़ी है। यह दावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के डीजी कुलदीप सिंह ने गुरुवार को किया है।

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कुलदीप सिंह ने कहा कि पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से जम्मू-कश्मीर में चुनौतियां कई तरह से बढ़ गई हैं। कुलदीप सिंह शुक्रवार को रिटायर हो रहे हैं। उससे पहले उन्होंने मीडिया से बात करते हुए ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि आतंकियों की संख्या बढ़ी है लेकिन आतंकी घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा- "आतंकवादियों की संख्या 200 से कम है जो किसी समय 240 हुआ करती थी।"

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उन्होंने आगे कहा कि इन आतंकवादियों की संख्या में विदेशी और स्थानीय दोनों जगहों के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा- "पिछले कुछ वर्षों में, एक समय में विदेशी और स्थानीय दोनों तरह के आतंकवादियों की संख्या 230-240 हुआ करती थी, लेकिन संख्या अब 200 से नीचे रह गई है क्योंकि उनमें से कई को सुरक्षा बलों द्वारा समय-समय पर मार गिराया गया है।"

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