महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत, ये था मामला
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को बांबे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।
अनिल देशमुख, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को बांबे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।बॉम्बे हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख को सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत दे दी। पीठ ने निर्देश दिया कि देशमुख को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर जमानत पर रिहा किया जाए और उनसे जांच में सहयोग करने को कहा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए जमानत आदेश के प्रभाव पर रोक लगाने की मांग के बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि आदेश दस दिनों के बाद प्रभावी होगा। सीबीआई का कहना है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उपरी अदालत में अपील करेंगे।संबंधित खबरें
8 दिसंबर को फैसला रखा गया था सुरक्षित
न्यायमूर्ति मकरंद एस कार्णिक की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 8 दिसंबर को सीबीआई की विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अनिल देशमुख की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था।विशेष सीबीआई अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए देशमुख के अधिवक्ता इंद्रपाल सिंह और अनिकेत निकम के माध्यम से दायर अपनी याचिका में दावा किया कि ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया और इसका आदेश सामग्री की कट, कॉपी और पेस्ट था। सीबीआई की चार्जशीट में इसमें कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट के आदेश में अपनाया गया दृष्टिकोण सही था और जबकि उच्च न्यायालय ने ईडी मामले में उसकी जमानत याचिका पर फैसला करते समय उसकी चिकित्सा स्थिति पर विचार किया था, ट्रायल कोर्ट ने उसकी अनदेखी की।संबंधित खबरें
जमानत को मिली थी चुनौती
4 अक्टूबर को उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर मामले में देशमुख को जमानत दे दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रथम दृष्टया बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। देशमुख को ईडी ने पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) अनिल सिंह ने कहा कि जांच के साथ-साथ वाजे और देशमुख के सहयोगी संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे द्वारा दिए गए बयानों से पता चलता है कि एनसीपी नेता उच्चतम स्तर के भ्रष्टाचार में शामिल थे जिसने शासन को प्रभावित किया। सिंह ने दोहराया कि देशमुख को सीबीआई भ्रष्टाचार मामले में सिर्फ इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि उन्हें ईडी द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में राहत दी गई थी।संबंधित खबरें
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ललित राय author
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