पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, निगमबोध घाट पर हुआ रीति रिवाज से अंतिम संस्कार; बेटी ने दी मुखाग्नि
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक मनमोहन सिंह का गुरुवार रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। उनके परिवार में पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं।
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए, उनका शनिवार को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी और मनमोहन सिंह का परिवार मौजूद रहा। पीएम मोदी भी मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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गुरुवार रात को हुआ था निधन
डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात को एम्स में निधन हो गया था। उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें एम्स लाया गया था, जहां कुछ देर के इलाज के बाद डॉक्टरों ने मनमोहन सिंह के निधन की सूचना दी थी। उनके निधन से देश भर में शोक है, सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। कांग्रेस ने सारे कार्यक्रम अपने वरिष्ठ नेता के निधन के बाद कैंसिल कर दिए हैं।
विदेशी नेताओं ने जताया शोक
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देश से लेकर विदेश तक के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत कई देशों के राष्ट्राध्क्षों ने अपने शोक संदेश भेजे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, रूस, पाकिस्तान और श्रीलंका समेत दुनियाभर के नेताओं ने शुक्रवार को शोक व्यक्त किया और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को याद किया। अफगानिस्तान, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के नेताओं ने भी सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आर्थिक सुधारों के जनक थे डॉ. मनमोहन सिंह
कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर एक प्रसिद्ध नाम थे। उनके नेतृत्व वाली सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरूआत की। हमेशा नीली पगड़ी पहनने वाले सिंह को 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
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