Buddhadeb Bhattacharjee Death:नहीं रहे पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, 80 साल की उम्र में हुआ निधन

Former West Bengal CM Buddhadeb Bhattacharya Death: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया, उन्होंने 80 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।

Buddhadeb Bhattacharya death

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन (फाइल फोटो)

मुख्य बातें
  • पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ वामपंथी नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया
  • 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के 7वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया
  • बुद्धदेव भट्टाचार्य करीब 18 साल तक ज्योति बसु के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे
Buddhadeb Bhattacharjee Died: बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ वामपंथी नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) का गुरुवार को निधन हो गया उन्होंने 80 साल की उम्र में सुबह कोलकाता स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली उनके बेटे सुचेतन भट्टाचार्य ने उनकी मौत की पुष्टि की।
बता दें कि कि सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बुद्धदेव भट्टाचार्य साल 2000 से 2011 तक बंगाल के मुख्यमंत्री रहे, लंबे समय तक बीमार रहने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को हुआ था वह भारतीय कम्युनिस्ट राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य थे , जिन्होंने 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के 7वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। 5 दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में, वह अपने शासनकाल के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेताओं में से एक बन गए।

वह जाधवपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार जीतते रहे

वह जाधवपुर विधानसभा क्षेत्र से से लगातार जीतते रहे लगातार 24 साल तक विधायक रहने के बाद वह अपनी ही सरकार के पूर्व मुख्य सचिव मनीष गुप्ता से चुनाव हार गए थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल में औद्योगीकरण अभियान शुरू किया ताकि राज्य में अधिक निवेश और नौकरियाँ आ सकें। उनकी सरकार के तहत पश्चिम बंगाल में आईटी और सेवा क्षेत्र में निवेश देखा गया।

भट्टाचार्जी को व्यापार के मामले में अपेक्षाकृत खुली नीतियों के लिए जाना जाता था

भट्टाचार्जी को व्यापार के मामले में अपेक्षाकृत खुली नीतियों के लिए जाना जाता था, जबकि सीपीआई (एम) की वित्तीय नीतियां मुख्य रूप से पूंजीवाद विरोधी थीं । लेकिन ऐसा करने की कोशिश करते हुए, भट्टाचार्जी को सीएम के रूप में अपने कार्यकाल में भूमि अधिग्रहण के कड़े विरोध और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के आरोपों का सामना करना पड़ा। इसके कारण भट्टाचार्जी 2011 में चुनाव हार गए, जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के 34 साल के शासन का पतन हो गया , जो दुनिया की सबसे लंबी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कम्युनिस्ट सरकार थी।

बुद्धदेव भट्टाचार्य ज्योति बसु के मंत्रिमंडल में रहे थे

बुद्धदेव भट्टाचार्य करीब 18 साल तक ज्योति बसु के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे और गृह मंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम किया वह 1977 में कोसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और संस्कृति मंत्री बने।
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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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