सैलरी या फिर सुविधा...क्या चाहता है 'न्यू इंडिया'? सर्वे में दो तिहाई लोगों ने इस चीज को दी प्रॉयरिटी, जानिए क्या कहता है मूड

Remote Working Culture: द जॉब सर्च प्रोसेस: ए लुक फ्रॉम द इनसाइड आउट’ शीर्षक वाले एक सर्वेक्षण के अनुसार, दो-तिहाई लोगों ने मिलीजुली व्यवस्था या रिमोट वर्किंग को प्राथमिकता दी है।

Remote Working

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Remote Working Culture: लॉकडाउन के बाद से लोगों के काम करने के तरीके में बदलाव आया है। ऑफिस कल्चर से हटकर लोगों को मन रिमोट वर्किंग और वर्क फ्रॉम होम में लग रहा है। कर्मचारियों को इससे काम करने की आजादी मिल रही है, तो कंपनियां भी इससे खुश हैं। कॉस्ट कटिंग करने वाली कंपनियां को भी कर्मचारियों को सुविधाओं पर कम खर्चा करना पड़ रहा है।
अब एक सर्वे सामने आया है, जिससे पता चला है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी रिमोट वर्किंग यानी कहीं भी बैठकर काम करने की लचीली व्यवस्था को वेतन से अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके साथ ही कार्यालय की जगह घर या किसी अन्य स्थान से काम करने की अनुमति देने से कंपनियों को प्रतिभावान कर्मचारी पाने और उन्हें कंपनी में बनाए रखने में मदद मिल रही है।

दो तिहाई लोगों ने दी प्राथमिकता

‘द जॉब सर्च प्रोसेस: ए लुक फ्रॉम द इनसाइड आउट’ शीर्षक वाले एक सर्वेक्षण के अनुसार, दो-तिहाई लोगों ने मिलीजुली व्यवस्था या रिमोट वर्किंग को प्राथमिकता दी है। इनमें से 71 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि उन्होंने नौकरी खोजते समय घर से काम करने की आजादी, काम के घंटों में लचीलापन और आवश्यकतानुसार ब्रेक लेने की सुविधा को प्राथमिकता दी।

कंपनियों ने भी की लचीली वर्किंग व्यवस्था की पेशकश

रोजगार वेबसाइट इनडीड इंडिया के इस सर्वेक्षण में 561 नियोक्ताओं और 1,249 नौकरी चाहने वालों सहित कुल 1,810 व्यक्तियों से बात की गई। सर्वेक्षण में 63 प्रतिशत नौकरी चाहने वालों ने मिलीजुली व्यवस्था यानी घर और कार्यालय दोनों जगह से काम करने की सुविधा को प्राथमिकता दी, जबकि 51 प्रतिशत कंपनियों ने भी अपने संचालन में इस तरह के लचीलेपन की पेशकश की।
(भाषा इनपुट के साथ)
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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