यूपी में बनेंगे नट-बोल्ट से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल तक, काम शुरू, राजनाथ सिंह ने किया ऐलान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) में नट-बोल्ट से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल तक का विनिर्माण होगा।

Rajnath Singh, Uttar Pradesh Defense Industrial Corridor

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (तस्वीर-फेसबुक)

लखनऊ में आत्मनिर्भर भारत पर संगोष्ठी कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर(UPDIC) में नट-बोल्ट से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल तक का विनिर्माण होगा। उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा कॉरियोर के जरिए रक्षा विनिर्माण के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया है। यूपीडीआईसी के बारे में मुझे बताया गया है कि इस कॉरिडोर के लिए करीब 1700 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की योजना है, जिसमें से 95 प्रतिशत से अधिक भूमि का पहले ही अधिग्रहण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इनमें से 36 उद्योगों और संस्थानों को करीब 600 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है और 16000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के अनुमानित निवेश के साथ 109 सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर सिर्फ विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी होगा निर्माण

रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी तक करीब 2,500 करोड़ रुपए का कुल निवेश विभिन्न इकाइयों द्वारा यूपीडीआईसी में किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां केवल नट-बोल्ट या कलपुर्जों का विनिर्माण नहीं किया जाएगा बल्कि ड्रोन, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों के भी विनिर्माण और उन्हें तैयार करने का काम किया जाएगा।

UPDIC के जरिए रक्षा क्षेत्र में विदेशी निर्भरता घटाने का इरादा

यूपीडीआईसी एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके जरिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय रक्षा क्षेत्र की निर्भरता घटाने का इरादा है। अलीगढ़ में 11 अगस्त, 2018 को एक कार्यक्रम में रक्षा उत्पादन में 3700 करोड़ रुपए से अधिक निवेश की घोषणा के साथ इस परियोजना की शुरुआत हुई थी।

तकनीक के दौर में हमें बड़ा सोचने की जरुरत

इसके अलावा राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जब तकनीक नाम का नया योद्धा युद्ध में आया है, तब हमें कहीं और आगे बड़ा सोचने की आवश्यकता है। हमें क्षितिज से परे सैन्य साजो-सामान के क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की आवश्यकता है। जितने महत्वपूर्ण हमारे सैनिकों का शौर्य और प्रदर्शन है, उतने ही महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म, उपकरण और नई-नई तकनीकें भी हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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