राजनीति में खास उपलब्धि वाले नेता थे सुशील मोदी, छात्र राजनीति से ही बनाई अपनी अलग पहचान

Sushil Modi Death: सुशील मोदी ने संकेत दिया था कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है। उनके निधन की खबर पाकर बिहार सहित देश भर में शोक की लहर दौड़ गई। सभी बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली से पटना लाया जाएगा।

दिल्ली के एम्स में भाजपा नेता ने ली अंतिम सांस।

Sushil Modi Death: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुशील मोदी का सोमवार रात निधन हो गया। उन्हें कैंसर था। 72 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से वह कैंसर से जूझ रहे थे। इस जानलेवा की बीमारी उन्होंने गत छह अप्रैल को X के जरिए दी। उन्होंने संकेत दिया कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है। उनके निधन की खबर पाकर बिहार सहित देश भर में शोक की लहर दौड़ गई। सभी बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। आज उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली से पटना लाया जाएगा।

'सुमो' के नाम से भी जाना जाता है

सुशील मोदी को 'सुमो' के नाम से भी जाना जाता है। आपातकाल से पहले यह छात्र राजनीति में सक्रिय थे। जेपी आंदोलन के समय इनका उभार हुआ। उस समय लालू यादव, नीतीश कुमार के साथ सुशील मोदी की जो तिकड़ी बनी उसकी पहचान आज भी कायम है। बिहार में भाजपा को स्थापित करने और उसे आगे बढ़ाने में सुशील मोदी का बहुत बड़ा योगदान है। बताया जाता है कि बिहार में कैलाशपति मिश्रा के बाद सुशील मोदी ही भाजपा के सबसे बड़े नेता रहे या यों कहें कि बिहार भाजपा मतलब सुशील मोदी।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें

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