SPADEX Mission: स्पैडेक्स मिशन के लिए इसरो तैयार, लॉन्चिंग पैड पर पहुंचा प्रक्षेपण यान; जानें पूरी डिटेल

SPADEX Mission: इसरो के स्पैडेक्स मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान पीएसएलवी-सी60 द्वारा स्वतंत्र रूप से और एक साथ, 55 डिग्री झुकाव पर 470 किमी वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किये जाएंगे। यह मिशन 66 दिन का होगा।

SPADEX mission

स्पैडेक्स मिशन के लिए इसरो तैयार (फोटो- ISRO)

मुख्य बातें
  • जानिए क्या है इसरो का स्पैडेक्स मिशन
  • स्पैडेक्स मिशन से जुड़ा है इसरो के भविष्य का मिशन
  • एक साथ लॉन्च किए जाएंगे दो यान

SPADEX Mission: इसरो एक और इतिहास रचने को तैयार है। इसरो का स्पैडेक्स मिशन लॉन्च होने के लिए तैयार है, जिसमें एक साथ दो स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किए जाएंगे। प्रक्षेपण यान को लॉन्च पैड तक पहुंचा दिया गया है।

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सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचा प्रक्षेपण यान

भारत के ‘स्पैडेक्स’ मिशन के प्रक्षेपण यान को एकीकृत कर दिया गया है और इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले ‘लांचिंग पैड’ पर ले जाया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को यह जानकारी दी।

क्या है स्पैडक्स मिशन का उद्देश्य

इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान को ‘डॉक’ (एक यान से दूसरे यान के जुड़ने)करने और ‘अनडॉक’(अंतरिक्ष में जुड़े दो यानों के अलग होने) करने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी का विकास और प्रदर्शन करना है। इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ प्रक्षेपण यान को एकीकृत कर दिया गया है और अब उपग्रहों को इसपर स्थापित करने तथा प्रक्षेपण की तैयारियों के लिए इसे पहले ‘लांचिंग पैड’ पर ले जाया गया है।”

भविष्य के लिए जरूरी

इसरो के मुताबिक,‘स्पैडेक्स’ मिशन, पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके ‘अंतरिक्ष में डॉकिंग’ के प्रदर्शन के लिए लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है। इसरो ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे कि चंद्रमा पर भारत का अभियान, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष केंद्र(बीएएस) का निर्माण और संचालन के लिए आवश्यक है। अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ प्रौद्योगिकी की तब जरूरत होती है जब साझा मिशन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए कई रॉकेट प्रक्षेपित करने की जरूरत होती है। इस मिशन में सफलता मिलने पर भारत अंतरिक्ष ‘डॉकिंग’ प्रौद्योगिकी प्राप्त करने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर होगा।

कितने दिन का होगा मिशन

इसरो के मुताबिक स्पैडेक्स मिशन के तहत दो छोटे अंतरिक्ष यान (प्रत्येक का वजन लगभग 220 किग्रा) पीएसएलवी-सी60 द्वारा स्वतंत्र रूप से और एक साथ, 55 डिग्री झुकाव पर 470 किमी वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किये जाएंगे, जिसका स्थानीय समय चक्र लगभग 66 दिन का होगा।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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