G 20 विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संयुक्त घोषणापत्र नहीं हुआ जारी, रूस-यूक्रेन युद्ध पर गतिरोध बरकरार

G20 समूह के देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर आम सहमति नहीं बन सकी। विदेश मंत्री एस जयशंकर के मुताबिक यूक्रेन के मुद्दे पर सभी देशों के अलग-अलग मत थे। कुछ मुद्दों पर सहमति बनी।

G 20 विदेश मंत्रियों की बैठक

रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर G20 समूह के देश आम सहमति नहीं बना पाए। भारत की अध्यक्षता में हुई G20 विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संयुक्त घोषणा पत्र जारी नहीं किया गया। यूक्रेन युद्ध के मसले पर पश्चिमी देशों और रूस के बीच गतिरोध बरकरार है। विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर के मुताबिक यूक्रेन के मुद्दे पर सभी देशों के अलग-अलग मत थे। कुछ मुद्दों पर सहमति बनी लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध पर आम सहमति नहीं बन सकी और इसीलिए संयुक्त घोषणा पत्र जारी नहीं हो सका। जी-20 की बैठक के बाद फाइनल आउटकम डॉक्यूमेंट जारी किया गया जिसमें ज्यादातर बिंदुओं पर सहमति बनती हुई दिखाई दी लेकिन रूस यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर ज्यादातर देशों की राय अलग-अलग नजर आई। हाल ही में बेंगलुरु में हुए जी-20 वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में भी रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर सभी देशों में आम सहमति नहीं बन सकी थी।

1 और 2 मार्च को हुई विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद डॉ एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि कुल 27 देशों के विदेश मंत्रियों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। कोरिया और जापान की तरफ से विदेश राज्य मंत्री इस समिट में शामिल हुए, 9 मेहमान देशों और 13 संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह आयोजन अब तक G20 विदेश मंत्रियों की बैठक का सबसे बड़ा आयोजन था। विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद की निंदा की गई और तमाम बाईलेटरल बैठक में भी हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि भारत ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए ग्लोबल साउथ से जुड़े मुद्दों को वैश्विक मंच पर पहली बार उठाया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि G20 सम्मिट में चीन के विदेश मंत्री किन गैंग के साथ 45 मिनट तक बातचीत की गई, इस बातचीत का मुख्य फोकस लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच असाधारण परिस्थितियों पर ही रहा। विदेश मंत्री के मुताबिक भारत और चीन के बीच यही मुख्य मुद्दा है और इस पर हम समाधान के लिए खुलकर बातचीत करना चाहते हैं। विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट समेत रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव से भी द्विपक्षीय वार्ता की इन सभी मुलाकातों में ग्लोबल साउथ में शांति फूड सिक्योरिटी और संसाधनों के सभी के लिए बेहतर इस्तेमाल पर जोर दिया गया।

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