G20 Summit: मेहमानों के लिए जयपुर हाउस में किया गया खास इंतजाम, थाली में परोसे जाएंगे ये व्यंजन
G20 Guest Lunch Plan: जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने वाले राष्ट्राध्यक्षों के जीवनसाथियों के लिए जयपुर हाउस में विशेष दोपहर भोज का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि मेहमानों की थाली में बाजरे से बने व्यंजन भी परोसे जाएंगे। आगामी नौ-दस सितंबर को राजधानी दिल्ली में शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ है।
G20 में शिरकत करने वाले राष्ट्राध्यक्षों और उनके पार्टनर के लिए लंच का खास इंतजाम।
G20 Summit News: जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष राष्ट्रीय राजधानी आ रहे हैं। इन राष्ट्राध्यक्षों के जीवनसाथियों को ऐतिहासिक जयपुर हाउस में दोपहर का भोज दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि मेहमानों की थाली में बाजरे से बने व्यंजन भी परोसे जाएंगे। राष्ट्रीय राजधानी में नौ-दस सितंबर को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के नेता और प्रतिनिधि जुटने वाले हैं। जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन प्रगति मैदान में निर्मित भारत मंडपम में किया जाएगा।
पार्टनर के साथ कार्यक्रम में शिरकत करेंगे अलग-अलग नेता
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, 'मुख्य शिखर सम्मेलन स्थल पर विशेष प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक गतिविधियों के अलावा जयपुर हाउस में नेताओं के जीवनसाथियों के लिए एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। जयपुर हाउस में राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी (एनजीएमए) भी है।' एनजीएमए में कलाकृतियों का एक समृद्ध संग्रह है, जिसमें पेंटिंग, मूर्तियां, तस्वीरें आदि शामिल हैं। यह गैलरी संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आती है।
जयपुर हाउस में विशेष दोपहर भोज दिए जाने का कार्यक्रम
एक अन्य सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, 'राष्ट्राध्यक्षों के जीवनसाथियों को जयपुर हाउस में विशेष दोपहर भोज दिए जाने का कार्यक्रम है, जिसमें बाजरे से बने व्यंजन परोसे जाएंगे।' सूत्रों ने कहा कि योजना के अनुसार जयपुर हाउस में दोपहर के भोजन से पहले, राष्ट्राध्यक्षों के जीवनसाथी बाजरे की खेती के बारे में जानकारी हासिस करने के लिए पूसा परिसर का दौरा करेंगे।
'भारत को 'बाजरे का वैश्विक केंद्र' बनाने का दृष्टिकोण'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ (आईवाईएम) के रूप में मनाने का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया था। मोदी ने कहा था कि उनका दृष्टिकोण आईवाईएम 2023 को 'जन आंदोलन' बनाने और भारत को 'बाजरे का वैश्विक केंद्र' बनाने का है। कृषि मंत्रालय ने अतीत में कहा था कि वर्तमान में 130 से अधिक देशों में बाजरे की खेती की जाती है और यह अफ्रीका तथा एशिया के 50 करोड़ से अधिक लोगों के पारंपरिक भोजन में शामिल है।
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