'वन नेशन वन इलेक्शन': गडकरी, गिरिराज सहित बड़े नेता सदन से रहे अनुपस्थित, BJP ने जारी किया नोटिस, कुछ सांसदों ने दी सफाई
One Nation One Election : सदन से गैरहाजिर रहने वाले सांसदों में नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, गिरिराज सिंह, सीआर पाटील, भगीरथ चौधरी, जगदंबिका पाल, शांतनु ठाकुर, बीवाई राघवेंद्र, विजय बघेल, उदयराजे भोंसले. जयंत कुमार रॉय और जगन्नाथ सरकार शामिल हैं। पार्टी ने गैर-हाजिर सांसदों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
लोकसभा में मंगलवार को पेश हुआ 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक।
One Nation One Election : 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश हुआ और फिर इसे संसद की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया गया। हालांकि, विधेयक पर मत विभाजन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के करीब 20 सांसद अनुपस्थित रहे। इस अनुपस्थिति को पार्टी गंभीर मान रही है। यह तब हुआ जब पार्टी ने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भाजपा सदन से अनुपस्थित रहने वाले अपने सांसदों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हालांकि, सूत्रों ने यह भी कहा कि कई सांसदों ने व्यक्तिगत और काम से संबंधित कारणों से अपनी अनुपस्थिति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था।
PM के कार्यक्रम के लिए राजस्थान में थे
सदन से गैरहाजिर रहने वाले सांसदों में नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, गिरिराज सिंह, सीआर पाटील, भगीरथ चौधरी, जगदंबिका पाल, शांतनु ठाकुर, बीवाई राघवेंद्र, विजय बघेल, उदयराजे भोंसले. जयंत कुमार रॉय और जगन्नाथ सरकार शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री सीआर पाटील, मंत्री भूपेंद्र चौधरी सहित कुछ अन्य सांसदों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए राजस्थान में थे। इसलिए संसद में उपस्थित नहीं हुए। कई अन्य सांसदों का कहना है कि कुछ जरूरी कार्य की वजह से वह संसद नहीं आए और इस बारे में उन्होंने पार्टी को पहले ही सूचित कर दिया था।
अनुपस्थिति की हो रही जांच
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम उनकी अनुपस्थिति के पीछे के कारणों की निश्चित रूप से जांच कर रहे हैं। कुछ के पास वास्तविक कारण थे।’ सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल सहित कुछ सांसद राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सार्वजनिक कार्यक्रम में व्यस्त थे। उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान भाजपा के सहयोगी दलों के चार से पांच सांसद भी मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस पर भी गौर किया जा रहा है।
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बिल पेश किए जाने के पक्ष में 269, खिलाफ में 198 वोट पड़े
सरकार ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया और कहा कि इस पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया। सदन में मत विभाजन के बाद ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ को पुर:स्थापित कर दिया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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