Gaganyaan Mission: क्रू एस्केप प्लान की तैयारी में जुटा ISRO, अंतरिक्ष कैप्सूल बनाना सबसे बड़ी चुनौती

अभी इसरो इस मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण दे रहा है और भविष्य के मानव मिशनों के लिए टीम का विस्तार करने की योजना बना रहा है।

मिशन गगनयान

Gaganyaan Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले महीने की शुरुआत में अपने महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण करने जा रहा है। यह मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की भारत की उपलब्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परियोजना निदेशक आर. हटन ने रॉयटर्स को बताया कि गगनयान मिशन का लक्ष्य मानव के रहने योग्य अंतरिक्ष कैप्सूल विकसित करना है जो तीन सदस्यीय दल को तीन दिनों के लिए 400 किमी की कक्षा में ले जाने में सक्षम हो सके। अपना मिशन पूरा करने के बाद चालक दल हिंद महासागर में उतरकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आएगा।

चार अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण

अभी इसरो इस मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण दे रहा है और भविष्य के मानव मिशनों के लिए टीम का विस्तार करने की योजना बना रहा है। संगठन ने गगनयान मिशन पूरा होने के बाद अंतरिक्ष में लगातार मानव उपस्थिति बनाए रखने के तरीकों का पता लगाने का भी इरादा जताया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने हाल ही में चंडीगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी की रेल ट्रैक रॉकेट स्लेज (आरटीआरएस) केंद्र में ड्रग पैराशूट परिनियोजन परीक्षणों की एक श्रृंखला आयोजित की थी।

ड्रग पैराशूट की तैनाती

इस मिशन का एक प्रमुख घटक ड्रग पैराशूट की तैनाती है। ये पैराशूट क्रू मॉड्यूल को स्थिर करने और दोबारा प्रवेश के दौरान इसकी गति को सुरक्षित स्तर तक कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टीम के लिए सुरक्षा सबसे अधिक चिंता का विषय है। आखिर लॉन्च चरण से पहले क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण करने की योजना बनाई गई है, जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकालने के लिए किया जा सकता है। मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अन्य परीक्षणों की भी योजना बनाई गई है।

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