Gaganyaan Mission: कैसे चुने गए गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्री, पीएम मोदी ने चार सदस्यीय टीम के नामों की घोषणा की

Gaganyaan Mission: गगनयान के तीन दिवसीय मिशन के लिए चालक दल के सदस्यों के नामों की आज पीएम मोदी ने घोषणा की। भारतीय वायु सेना के चुने गए चार पायलट ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर , ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन , ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। आइये जानते है कि इन अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे चुना गया।

ऐसे चुने गए गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्री।

Gaganyaan Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की जो 2024-25 में लॉन्च होने वाले भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान का हिस्सा होंगे। भारतीय वायु सेना के चुने गए चार पायलट ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर , ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन , ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं । चारों अंतरिक्ष यात्रियों को रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किया गया था। केरल की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन की प्रगति की समीक्षा की और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में नामित अंतरिक्ष यात्री को 'अंतरिक्ष यात्री पंख' प्रदान किए। गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है जिसके लिए विभिन्न इसरो केंद्रों पर व्यापक तैयारी चल रही है।

Gaganyaan Mission

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की सफलता देश की युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक स्वभाव के बीज बो रही है। भारत दुनिया की टॉप-3 अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है, वहीं देश का गगनयान भी हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है। इसरो के अनुसार, गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों के दल को तीन दिनों के मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है। गगनयान मिशन के लिए पूर्व आवश्यकताओं में चालक दल को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में ले जाने के लिए मानव रेटेड लॉन्च वाहन, अंतरिक्ष में चालक दल को पृथ्वी जैसा वातावरण प्रदान करने के लिए जीवन समर्थन प्रणाली, चालक दल के आपातकालीन भागने के प्रावधान और प्रशिक्षण के लिए चालक दल प्रबंधन पहलुओं को विकसित करने सहित कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का विकास शामिल है। तो चलिए आप को बताते है कि आखिर इन अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कैसे किया गया है....

ISRO

अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कैसे किया जाता है?

इन अंतरिक्ष यात्रियों का चयन काफी पहले शुरू हो चुका था। भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (इसरो) और भारतीय वायु सेना ने अंतरिक्ष यात्रियों के चयन, प्रशिक्षण और गगनयान कार्यक्रम के लिए अन्य आवश्यक पहलुओं के लिए 29 मई 2019 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अनुबंध के अनुसार, प्रक्रिया 12 से 14 महीने तक चली। चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को भारत में बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया और आगे के प्रशिक्षण के लिए उन्हें रूस भेजा गया था।

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