Gaganyaan Mission: आज ही होगी गगनयान के क्रू मॉड्यूल की लॉन्चिंग, जानें इसरो का पूरा प्लान

ISRO Gaganyaan Mission: लॉन्च होल्ड के कारण की पहचान की गई और उसे ठीक किया गया। प्रक्षेपण की योजना आज सुबह 10:00 बजे बनाई गई है। सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर इसरो ने गगनयान मिशन के लिए मानवरहित उड़ान परीक्षण टाल थी, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) का ट्रायल नहीं हो सका।

ISRO Chief

गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल की लॉन्चिंग टली।

Gaganyaan Vehicle Test: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मानवरहित उड़ान परीक्षण टाल दी, हालांकि बाद में ये जानकारी सामने आई कि लॉन्च होल्ड के कारण की पहचान की गई और उसे ठीक किया गया। प्रक्षेपण की योजना आज सुबह 10:00 बजे बनाई गई है। सुबह साढ़े 8 बजे कुछ तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा। उस वक्त आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से गगनयान का पहला उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) का ट्रायल टाल दिया गया था। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया था कि गगनयान का पहला उड़ान परीक्षण वाहन निरस्त मिशन-1 (टीवी-डी1) का प्रक्षेपण रुका हुआ है। उन्होंने कहा कि उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) का ट्रायल आज नहीं हो सका। इसकी लॉन्चिंग के लिए आज 21 अक्टूबर की सुबह 8 बजे होनी थी, मगर मौसम के चलते इसके समय में परिवर्तन किया गया और 8 बजकर 45 हुआ।

इसरो चीफ ने कहा, हम जल्द वापस लौटेंगे

ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने बताया कि गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) के लॉन्च को होल्ड पर डाल दिया गया है। गगनयान के पहले टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन -1 (टीवी-डी1) के लॉन्च को होल्ड पर डालने की जानकारी देते हुए इसरो चीफ सोमनाथ ने कहा, "लिफ्ट-ऑफ का प्रयास आज नहीं हो सका...व्हीकल सुरक्षित है... हम जल्द ही वापस लौटेंगे... जो कंप्यूटर काम कर रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है... हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल करेंगे।''

गगनयान मिशन से जुड़े पहली परीक्षण उड़ान की खास बातें

पहली परीक्षण उड़ान के दौरान ‘क्रू मॉड्यूल’ में लगी विभिन्न प्रणालियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए डेटा प्राप्त किया जाना है, जिससे वैज्ञानिकों को यान के प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ‘टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन’ (टीवी-डी1) क्रू एस्केप सिस्टम (चालक बचाव प्रणाली) और क्रू मॉड्यूल को 17 किमी की ऊंचाई पर प्रक्षेपित करेगा, जिसके श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में सुरक्षित उतरने की उम्मीद है। रॉकेट लॉन्च के बाद यह बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग का भी परीक्षण करेगा। बाद में बंगाल की खाड़ी से नौसेना द्वारा इन्हें खोज कर निकाला जाएगा। यह मिशन यह प्रदर्शित करने के भारत के प्रयास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर दर्शाता है कि मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजना संभव है।

क्या है इस मिशन के लिए इसरो का पूरा प्लान?

परीक्षण उड़ान परियोजना का उद्देश्य मनुष्यों को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजने और बंगाल की खाड़ी के समुद्र में उतारकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की भारत की क्षमता को साबित करना है। गगनयान फर्स्ट फ्लाइट मिशन की पूरी तरह से मानव रहित होगा। उसके बाद दूसरे मिशन में महिला रोबोट भेजा जाएगा। इसके तीसरे मिशन में मानव को भेजा जाएगा। तीसरे मिशन में मानव को वर्ष 2023 के अंत में या 2024 में भेजा जाएगा। गगयान 3 में 3 लोगों की एक टीम को 3 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

ऐसा मिशन शुरू करने वाला चौथा देश बनेगा भारत

गगनयान परियोजना में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के एक दल को 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है। यह कार्यक्रम भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने वाला चौथा देश बना देगा। यह उल्लेखनीय है कि ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) के 3 अनक्रूड मिशनों सहित लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है। इंडियन एयरफोर्स के पायलटों को एस्ट्रोनॉट बनाकर HLVM3 रॉकेट के जरिए ही अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

2040 तक चंद्रमा पर पहुंचेगा पहला भारतीय एस्ट्रोनॉट

हाल के चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन सहित भारतीय अंतरिक्ष पहल की सफलता के आधार पर, प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि भारत को अब नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का लक्ष्य रखना चाहिए, जिसमें वर्ष 2035 तक 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजना भी शामिल है। गगनयान मिशन की फाइनल लॉन्चिंग 2025 में होगी। वर्ष 2035 तक भारत का अपना स्पेस स्टेशन बन जाएगा। 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय एस्ट्रोनॉट पहुंचेगा।

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