Gaganyaan Mission Launching date: गगनयान मिशन के पहले टेस्ट व्हीकल की लॉन्चिंग होगी जल्द, इसरो ने बता दिया समय
Gaganyaan Mission Launching date: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक प्रमुख अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के महत्वाकांक्षी प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान उपक्रम गगनयान के पहले परीक्षण यान को एक या दो महीने में भेजा जाएगा। इसरो के अधिकारियों के अनुसार यह गगनयान कार्यक्रम के चार ‘एबॉर्ट मिशन’ में से पहला होगा।
मिशन गगनयान को सफल बनाने में जुटा इसरो (फोटो- ISRO)
Gaganyaan Mission Launching date: गगनयान मिशन को सफल बनाने के लिए इसरो पूरा तैयारी के जुटा है। मिशन गगनयान के 3 चरण कंप्लीट हो चुके हैं, अब चौथे की बारी है। मिशन गगनयान के चौथे चरण यानि कि टेस्ट व्हीकल का परीक्षण किया जाना है, जो अगले एक या दो महीने में किए जाने की उम्मीद है।
चार एबॉर्ट मिशन में से पहला होगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक प्रमुख अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के महत्वाकांक्षी प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान उपक्रम गगनयान के पहले परीक्षण यान को एक या दो महीने में भेजा जाएगा। इसरो के अधिकारियों के अनुसार यह गगनयान कार्यक्रम के चार ‘एबॉर्ट मिशन’ में से पहला होगा।
एक के बाद एक चरण
पहले परीक्षण यान मिशन ‘टीवी-डी1’ के बाद दूसरे परीक्षण यान मिशन ‘टीवी-डी2’ को भेजा जाएगा जो गगनयान का पहला चालकदल रहित मिशन (एलवीएम3-जी1) होगा। परीक्षण यान मिशनों की दूसरी शृंखला के तहत टीवी-डी3 और डी4 मिशन तथा एलवीएम3-जी2 मिशन को रोबोटिक पेलोड के साथ अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। अधिकारियों के अनुसार सफल परीक्षण यान और चालक दल रहित मिशनों के परिणामों के आधार पर चालक दल के साथ मिशन भेजने की योजना बनाई जाएगी।
क्या कहा परियोजना के निदेशक ने
गगनयान के परियोजना निदेशक आर हटन ने यहां एक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन में कहा- "फिलहाल हम तत्काल जो लक्ष्य रख रहे हैं वह ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ को मान्य करना है। एक या दो महीने में श्रीहरिकोटा से मिशन शुरू हो जाएगा।"
क्या है क्रू एस्केप सिस्टम
‘क्रू एस्केप सिस्टम’ एक आपातकालीन उपाय है जिसे प्रक्षेपण निरस्त (एबॉर्ट) होने की स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ क्रू मॉड्यूल को प्रक्षेपण यान से सुरक्षित दूरी पर तुरंत खींचने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
क्या है गगनयान मिशन
इसरो के अधिकारियों के अनुसार गगनयान परियोजना का उद्देश्य एक से तीन दिन के मिशन के लिए दो से तीन सदस्यों के चालक दल को पृथ्वी के चारों ओर लगभग 400 किमी की गोलाकार कक्षा में ले जाने और भारतीय समुद्री क्षेत्र में एक निर्दिष्ट स्थान पर उतारकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है।
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