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Times Now Summit 2025 में केंद्रीय मंत्री शेखावत बोले-आक्रांता हमारे नायक नहीं हो सकते, देश के नायक महाराणा प्रताप, शिवाजी और राणा सांगा हैं

Times Now Summit 2025 : केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को कहा कि देश सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है और भारत पर हमले करने वाले आक्रांता देश के नायक नहीं हो सकते। देश के नायक पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप और राणा सांगा हैं। आक्रांता हमारे इतिहास के काले अध्याय का हिस्सा हैं। वे चरित्र हो सकते हैं लेकिन नायक नहीं।

Gajendra Singh ShekhawatGajendra Singh ShekhawatGajendra Singh Shekhawat

टाइम्स नाउ समिट 2025 में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत।

Times Now Summit 2025 : केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को कहा कि देश सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है और भारत पर हमले करने वाले आक्रांता देश के नायक नहीं हो सकते। देश के नायक पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप और राणा सांगा हैं। आक्रांता हमारे इतिहास के काले अध्याय का हिस्सा हैं। वे चरित्र हो सकते हैं लेकिन नायक नहीं। केंद्रीय मंत्री ने ये बातें टाइम्स नाउ समिट 2025 के दौरान कहीं। इस खास बातचीत में शेखावत ने कहा कि औरंगजेब की तुलना सांगा और शिवाजी से नहीं की जा सकती।

राणा सांग को 'गद्दार' कहना दुर्भाग्यपूर्ण -शेखावत

इस सवाल पर कि सांस्कृतिक विमर्श जो कि संघर्ष में बदल गया है, इसमें राणा सांगा को भी घसीट लिया गया है, देश की संसद में उन्हें गद्दार कहा जा रहा है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इतिहास किसी देश का हो, समाज का हो, वह इतिहास सभी के लिए एक प्रेरणा होता है। अपनी असफलताओं से सीखकर इतिहास आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। पेड़ जड़ों से कट जाने पर वृक्ष गिर जाता है। यही हाल समाज का भी है। भारत की संस्कृति, ज्ञान और ऐश्वर्य से आकर्षित होकर लोग भारत आए। इससे ईर्ष्या करने वाले आक्रांताओं ने भारत पर आक्रमण किया। आजादी से पहले देश गुलामी का लंबा दौर चला। अंग्रेजी शिक्षा पद्धित की वजह से लोगों की सोच और मानसिकता प्रदूषित हुई।

सनातन धर्म के लिए हमारे पूर्वजों ने पीढ़ियां खपाईं

उन्होंने आगे कहा, 'मैं राजस्थान से आता हूं, भारत की सनातन संस्कृति बनाए रखने के लिए हमारे पूर्वजों ने पीढ़ियां खपाई हैं। भारत दोबारा सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। हमारी संस्कृति को प्रदूषित करने वाले लोगों को बर्दाश्त करने के मूड में देश नहीं हैं। आक्रांता देश के नायक नहीं हो सकते। इनके नाम इतिहास से हम नहीं मिटा पाएंगे। ये नाम हमारे देश के काले अध्याय से जुड़े हैं और ये इसके चरित्र मात्र हैं। ये देश के नायक नहीं हो सकते। आजादी के जिस तरह की सत्ता-व्यवस्थाएं रहीं उन्होंने भारतीय नायकों को हटाने-मिटाने का प्रयास किया। हमारी सरकार फिर से राष्ट्र नायकों एवं चरित्रों के बलिदान और योगदान को सम्मानित कर रही है। एक परिवार मात्र को हर चीज का श्रेय देने की होड़ मची है, यह होड़ अंग्रेजों से ज्यादा नुकसान देश का किया है।

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