जूते की दुकान चलाने वाला गोपाल कांडा कैसे बना मंत्री? गीतिका शर्मा सुसाइड केस से कैसे जुड़े तार; पढ़ें इनसाइड स्टोरी
Geetika Sharma Suicide Case: गीतिका ने आत्महत्या से पहले दो पन्ने का एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उन्होंने गोपाल कांडा और उनके सहयोगी अरुण चड्ढा पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले के बाद गोपाल कांडा लगभग 10 दिन तक फरार रहा था और जब वह सामने आया तो आरोपों को निराधार बताया।
गीतिका शर्मा सुसाइड केस
Geetika Sharma Suicide Case: चर्चित गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आज फैसला आया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में आरोपी और हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा और उनके एक सहयोगी अरुण चड्ढा को बरी कर दिया है। पांच अगस्त 2012 को 23 साल की गीतिका शर्मा ने दिल्ली स्थित अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी। उनका शव पंखे से लटका मिला था।
गीतिका ने आत्महत्या से पहले दो पन्ने का एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उन्होंने गोपाल कांडा और उनके सहयोगी अरुण चड्ढा पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले के बाद गोपाल कांडा लगभग 10 दिन तक फरार रहा था और जब वह सामने आया तो आरोपों को निराधार बताया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उसे आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था।
अब जानते हैं इस केस की पूरी इनसाइड स्टोरी... कि गीतिका शर्मा कौन थी? उसका गोपाल कांडा से क्या लेना देना था? गीतिका ने सुसाइड क्यों किया था? उन्होंने सुसाइड नोट में क्या लिखा था? और आरोपी गोपाल कांडा का राजनीतिक रसूख कैसा था? आइए जानते हैं...
सबसे पहले गीतिका शर्मा कौन थी?
इस केस को पूरा पढ़ने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि गीतिका शर्मा कौन थी? दरअसल, गीतिका ने इंटरमीडिएड की पढ़ाई के बाद एयरहोस्टेस का कोर्स किया था। इसके बाद 7 साल की उम्र में गीतिका शर्मा, गोपाल कांडा की एयरलाइंस कंपनी एमडीएलआर (मुरली धर लख राम) एयलाइंस में बतौर ट्रेनी क्रू मेंबर (17 साल की उम्र में) जुड़ी थीं। यहां कुछ साल काम करने के बाद गीतिका दुबई चली गईं और यहां की एक एयरलाइंस कंपनी में काम करने लगी थीं।
23 की उम्र में ही बन गईं डायरेक्टर
दुबई जाने के बाद भी गोपाल कांडा की नजरें गीतिका पर थीं। उसने गीतिका को मना कर इंडिया वापस बुलाया और अपनी एमडीएलआर कंपनी का डायरेक्टर बना दिया। हालांकि, परिवार वालों का आरोप था कि इसके पीछे उसने एक शर्त भी रखी कि गीतिका को काम निपटाने से पहले उससे मिलने आना होगा। इससे गीतिका दबाव में रहने लगीं।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
पांच अगस्त 2012 को 23 साल की गीतिका शर्मा ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी। उनका शव पंखे से लटका मिला था। पुलिस ने गीतिका के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था, जिसमें गीतिका ने गोपाल कांडा पर गंभीर आरोप लगाए थे। गीतिका ने सुसाइड नोट में लिखा था कि मैंने अपनी जिंदगी में गोपाल कांडा जैसा गंदा इंसान नहीं देखा। उन्होंने कहा कि कांडा लड़कियों की प्रति बेहद गंदी नजर रखता था। वह कांडा और उसकी एक कर्मचारी अरुणा चड्ढा (आठ अगस्त को मैनेजर गिरफ्तारी हुई) के "हैरेसमेंट" (शोषण) की वजह से आजिज आकर अपनी जान ले रही हैं।
अब जानते हैं गोपाल कांडा का राजनीतिक सफर?
गोपाल कांडा के पूरा नाम गोपाल गोयल कांडा है। 58 साल के कांडा का परिवार थोक बाजार में सब्जियों की तौल से जुड़ा था। बाद में उन्होंने सिरसा में रेडिया और टीवी रिपेयरिंग की दुकान खोल ली। हालांकि, जल्द ही इस पर ताला लग गया और बाद में उन्होंने अपने भाई गोविंद के साथ मिलकर जूते-चप्पल की दुकान खोली। इसके बाद बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाल के परिवार से नजदीकी के चलते उनकी राजनीति में भी पैठ बनती चली गई। 2009 में कांडा ने निर्दलीय विधायकी का चुनाव लड़ा और जीता थी। इसके बाद वे राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ते चले गए और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में गृह राज्य मंत्री भी रहे।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
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