घोसी में घमासानः मैदान में 10 उम्मीदवार पर BJP-SP में सीधी टक्कर, 'INDIA के लिए पूर्वाभ्यास' है यह उप-चुनाव

Ghosi Assembly By-Polls 2023: 'इंडिया' के गठन के बाद उसके एक घटक दल सपा और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच यह पहली चुनावी टक्कर है। घोसी में 4.37 लाख वोटर्स में से 90,000 मुस्लिम, 60,000 दलित और 77,000 "उच्च जाति" से हैं, जिनमें 45,000 भूमिहार, 16,000 राजपूत और 6,000 ब्राह्मण हैं।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Ghosi Assembly By-Polls 2023: उत्तर प्रदेश (यूपी) में पहली दफा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी गठजोड़ 'इंडिया' के बीच चुनावी भिड़ंत देखने को मिलेगी। यह सियासी जंग सूबे में मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उप-चुनाव के दौरान होगी। मैदान में कुल 10 उम्मीदवार हैं, मगर सीधी टक्कर बीजेपी और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच लग रही है, जबकि मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा।

प्रचार खत्म, कब मतदान और परिणाम?

रविवार (तीन सितंबर, 2023) शाम को इस उप-चुनाव के लिए प्रचार खत्म हुआ। विभिन्न दलों के नेताओं ने मतदाताओं से इससे पहले अपने कैंडिडेट्स को वोट देकर भारी मतों से चुनाव जिताने की अपील की थी। समाचार एजेंसी पीटीआई को इस बारे में अफसरों की ओर से बताया गया कि मतदान पांच सितंबर को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा और मतों की गिनती आठ सितंबर को होगी।

...तो इस वजह से खाली हुई थी यह सीट

वैसे, यह सीट साल 2022 में हुए विस चुनाव में सपा के टिकट से जीते प्रमुख अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता दारा सिंह चौहान के हाल में बीजेपी में चले जाने और पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देने के चलते खाली हुई। भाजपा ने उप-चुनाव में चौहान को ही कैंडिडेट बनाया, जबकि इसके पहले वह सीएम योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व वाली (2017-2022) सरकार में वन मंत्री थे। उन्होंने 2022 के विस चुनाव में भाजपा सरकार को दलितों-पिछड़ों का विरोधी बताते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा की सदस्यता ले ली थी।

उप-चुनाव में किसे किनका मिला समर्थन?

भाजपा उम्मीदवार को राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल अपना दल (सोनेलाल), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) ने सपोर्ट किया है। सपा ने सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है, जिन्हें कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, भारतीय कम्‍युनिस्ट पार्टी (भाकपा), जनवादी सोशलिस्ट, अपना दल (कमेरावादी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन से समर्थन मिला है। चूंकि, घोसी विस क्षेत्र का उप-चुनाव 'इंडिया' के गठन के बाद राज्य में होने वाला पहला चुनाव है। ऐसे में इसे 2024 के आम चुनाव का पूर्वाभ्यास भी माना जा रहा है।

I.N.D.I.A गठजोड़ के लिए इसलिए है अहम'इंडिया' के गठन के बाद उसके एक घटक दल सपा और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच यह पहली चुनावी टक्कर है। घोसी में 4.37 लाख वोटर्स में से 90,000 मुस्लिम, 60,000 दलित और 77,000 "उच्च जाति" से हैं, जिनमें 45,000 भूमिहार, 16,000 राजपूत और 6,000 ब्राह्मण हैं। हालांकि, जानकारों का मानना है कि इस उप-चुनाव का भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसे 403 सदस्यीय सदन में पूर्ण बहुमत प्राप्त है। वैसे, इसका परिणाम अहम रहेगा, क्योंकि यह अगले साल के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहा है और यह भविष्य का संकेत देने वाला साबित हो सकता है। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author

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