जयशंकर पर पहले लेख छापा और फिर हटाया, चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री के बारे में कहीं बे सिर पैर की बातें

Global Times Article on S Jaishankar: भारत के खिलाफ आए दिन बे सिर-पैर की बातें करने वाला चीन का मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बारे में आधारहीन और अप्रमाणिक बातें कही हैं। हालांकि, इसकी आलोचना होने पर उसने लेख के अंग्रेजी संस्करण को वापस ले लिया है।

S jaishankar

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर।

मुख्य बातें
  • चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित हुआ विदेश मंत्री के बारे में लेख
  • बाद में इस लेख को डिलीट किया गया, चीनी भाषा में यह लेख अभी भी मौजूद है
  • इस लेख में लेखक ने विदेश मंत्री के बारे में मनगढ़ंत-बेबुनियाद आरोप लगाए हैं
Global Times Article on S Jaishankar: भारत के खिलाफ आए दिन बे सिर-पैर की बातें करने वाला चीन का मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बारे में आधारहीन और अप्रमाणिक बातें कही हैं। हालांकि, इसकी आलोचना होने पर उसने लेख के अंग्रेजी संस्करण को वापस ले लिया है लेकिन चीनी भाषा वाला लेख अभी भी उसकी वेबसाइट पर है। ग्लोबल टाइम्स पर इस लेख को लिखने वाले को 'अंतरराष्ट्रीय संबंधों का एक्सपर्ट' बताया गया है लेकिन यह अलग बात है कि इस लेखक को कोई नहीं जानता है। मीडिया रिपोर्टों में चीन के राजनयिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि 'लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं। ये चीन सरकार के विचार नहीं हैं।'

वांग डैमिंग के नाम से लेख

ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित इस लेख का शीर्षक है, 'एस जयशंकर प्रॉब्लम' और इस लेख को लिखने वाले का नाम वांग डैमिंग है। वांग खुद को अंतरराष्ट्रीय संबंधों का एक्सपर्ट बताता है। इस लेख में जयशंकर के 31 अगस्त के बयान पर निशाना साधा गया है। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान एक जयशंकर ने कहा था कि पूरी दुनिया 'एक तरह के चीनी समस्या का सामना कर रही है और भारत ही एक ऐसा देश है जो यह दिखा रहा है कि बीजिंग से कैसे निपटा जा सकता है।'

दावा-लेख छद्म नाम से लिखा गया

विदेश मंत्री ने कहा, 'आप यूरोप जाईए और उनसे पूछिए कि उनकी बड़ी आर्थिक अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा बहसों में सबसे ज्यादा क्या चल रहा है। वे बताएंगे कि इन बहसों में चीन के बारे में चर्चा हो रही है। आप अमेरिका को देखिए वह चीन से परेशान है।' जयशंकर ने कहा कि बीते चार साल से सीमा पर गतिरोध बनने की वजह से चीन के साथ भारत की समस्या कुछ दूसरे तरह की है। यह पहली बार है जब डैमिंग ने ग्लोबल टाइम्स के लिए कोई लेख लिखा है। डैमिंग के बारे में ताइवान के जर्नलिस्ट आदिल बरार के मुताबिक यह लेख छद्म नाम से लिखा गया है लेकिन चीन में यह आम बात है। चीन की सरकार जब अपनी आधिकारिक राय रखना चाहती है तो वह यही तरीका अपनाती है।

हाल ही में वांग यी से दो बार मिले हैं जयशंकर

वेबसाइट से हटाए गए इस लेख में भारतीय विदेश मंत्री के बारे में कई आधारहीन एवं मनगढ़त आरोप लगाए गए हैं। लेख में दावा किया गया है कि 'वह भारत के राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं और अपनी कूटनीतिक रणनीति का इस्तेमाल करते हुए वह कई दशों में पहले से तय दांव चलते हैं।' जयशंकर के बयान को ग्लोबल टाइम्स पहले 'हैरान करने वाला' बता चुका है। गत जुलाई में जयशंकर लाओस और फिर कजाकिस्तान में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से दो बार मिले। लेख में कहा गया है कि 'बीते चार साल में जिस कूटनीतिक रणनीति को उन्होंने आगे बढ़ाया है, उसमें गलतियां हो सकती हैं। दूसरी ओर वह अमेरिका को खुश करने में लगे हैं।'
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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