फिर विवादों में गोवा कला अकादमी, कहींं सांप मिल रहे हैं तो कहीं छत से गिर रहा पानी

Goa News: इस पूरे विवाद पर गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गौडे ने सफाई देते हुए कहा है कि पुनर्निर्मित कला अकादमी के फर्श पर पानी गिरने का कारण खराब फायर हाइड्रेंट वाल्व था।

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विवादों में गोवा कला अकादमी

Goa News: गोवा की सांस्कृतिक विरासत मानी जाने वाली 'कला अकादमी गोवा' एक बार फिर से विवादों में आ गयी है। राजधानी पणजी में हाल ही में पुनर्निर्मित कला अकादेमी से जुड़ी दो घटनाओं ने विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का दुबारा मौका दे दिया है।

दरअसल, कला अकादमी के दो वीडियो सामने आए हैं। पहले वीडियो में पुनर्निर्मित कला अकादमी की छत से पानी का रिसाव होता दिखाई दे रहा है तो वहीं सोमवार को एक और वीडियो सामने आया जिसमें प्रतिष्ठित कला अकादमी के सभागार की कुर्सियों के नीचे एक सांप पाया गया। इन दोनों घटनाओं के बाद गोवा के विपक्षी दलों ने प्रमोद सावंत की सरकार पर हमला बोल दिया है।

गोवा आम आदमी पार्टी के चीफ अमित पालेकर ने इस पूरे विवाद पर कहा कि कला अकादमी इतिहास और कला का एक नमूना है जिसे इस सरकार ने नष्ट कर दिया है। उन्होंने (सीएम प्रमोद सावंत) केवल आईएफएफआई के लिए एक अधूरी कला अकादमी का उद्घाटन कर दिया था। सावंत सरकार और उनके मंत्रियों के भ्रष्टाचार ने कला अकादेमी की ऐसी स्थिति कर दी है कि आज वहां लोग जाने से डरते हैं। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि कला अकादेमी के पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाने के लिए ना कोई टेंडर निकाला गया और नाही कोटेशन लिया गया। बस एक सिलेक्शन प्रोसेस के तहत उसका काम प्राइवेट ठेकेदार को दे दिया गया।

वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी के महासचिव दुर्गादास कमत ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से कला अकेडमी के मुद्दे को उठाती रही है। उन्होंने बताया कि जब पिछले साल छत गिरी थी, तो सांस्कृतिक मंत्री ने कहा था कि जो हिस्सा गिरा है वो टेंडर का हिस्सा नहीं था। हालांकि, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता ने सदन की मंजिल पर वीडियो साक्षात्कारों को दिखाया था कि जब छत गिरी थी, तब वही मंत्री स्थान की निरीक्षण के लिए पहुँचे थे। हालांकि, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता ने सदन में वीडियो साक्षात्कारों को दिखा कर बताया कि जब छत गिरी थी, तब वही मंत्री घटना स्थान की निरीक्षण के लिए पहुँचे थे। कामत ने आगे कहा कि "यह चौंकाने वाली बात है कि सभागार की छत से पानी के फव्वारे की तरह रिसाव देखा गया। संबंधित मंत्री कह रहे हैं कि यह दोषपूर्ण अग्नि हाइड्रेंट वाल्व में परीक्षण के कारण था, लेकिन फिर सवाल यह है कि उन्होंने कला अकादमी कैसे खोली बिना फायर हाइड्रेंट वाल्व का परीक्षण किए। इससे यह भी साबित होता है कि रेनोवेशन का काम घटिया गुणवत्ता का है। यह भी डर है कि चूंकि निर्माण के दौरान बोरवेल बनाए गए थे, अब मानसून के दौरान जल स्तर बढ़ जाएगा और सभागार में फिर से बाढ़ आ सकती है"।

गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में कला अकादमी की यही छत गिर गई थी, जिसकी राज्य के सभी विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी।

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    अरुणील सदड़ेकर author

    अरुणील सदड़ेकर टाइम्स नाउ नवभारत में प्रिंसिपल कॉरेस्पोंडेंट हैं। 10 साल से वह पत्रकारिता की दुनिया में है और महाराष्ट्र की सियासत पर पैनी नजर रखते हैं...और देखें

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