कांस्टेबल की मदद से पुलिस हिरासत से भागा गोवा में जमीन हड़पने के मामलों का आरोपी, विपक्ष ने सरकार पर उठाया सवाल

Goa: कैश फॉर जॉब स्कैम के बाद गोवा से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जमीन हड़पने के मामलों में आरोपी व्यक्ति कांस्टेबल की मदद से पुलिस हिरासत से भाग गया। ये घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है, जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने सीएम सावंत और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

जमीन हड़पने के मामलों में आरोपी व्यक्ति कांस्टेबल की मदद से पुलिस हिरासत से भागा।

गोवा में जमीन हड़पने के मामलों में आरोपी एक व्यक्ति कांस्टेबल की मदद से पुलिस हिरासत से भाग गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार और सिस्टम पर सवाल खड़ा किया है। पुलिस अधीक्षक (क्राइम ब्रांच) राहुल गुप्ता ने कहा कि लगभग साढ़े चार साल तक फरार रहे सिद्दीकी सुलेमान खान को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह बीते 12 दिसंबर को देर रात करीब ढाई बजे अपराध शाखा की हिरासत से भाग गया। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा की विशेष जांच टीम ने जमीन हड़पने के तीन मामलों में 12 नवंबर को खान को गिरफ्तार किया था। गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि वह भगोड़ा अपराधी था और पिछले 30 दिन से अपराध शाखा की हिरासत में था। इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।

कांस्टेबल ने आरोपी को पुलिस हिरासत से कैसे भगाया?

एसपी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के कांस्टेबल अमित नाइक ने खान को हवालात से निकाला और दोनों मोटरसाइकिल पर बैठकर फरार हो गए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में ओल्ड गोवा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपियों को पड़ोसी क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी राज्य की सीमाएं सील कर दी गई हैं। गुप्ता ने कहा, “दोनों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। गोवा पुलिस जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने के लिए पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय कर रही है।” उन्होंने कहा कि आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी और विस्तृत जांच की जाएगी।

पुलिस महानिरीक्षक वर्षा शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि कांस्टेबल और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए टीम गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस मामले में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और बृहस्पतिवार रात को अपराध शाखा में ड्यूटी पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को जांच से गुजरना होगा। इस बीच, गोवा में विपक्षी दलों ने पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) को निलंबित करने की मांग की है।

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