शराब तस्करी को लेकर गरमाई गोवा की सियासत, इधर कर्नाटक में अधिकारी की हुई गिरफ्तारी; उधर विपक्ष ने सीएम सावंत को घेरा

गोवा में शराब तस्करी को लेकर प्रमोद सावंत की सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। एक दिन पहले ही कर्नाटक में गोवा के अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद से विपक्ष ने सरकार और सीएम सावंत को घेरना शुरू कर दिया है। आबकारी निरीक्षक प्रमोद विष्णुनाथ जुवेकर को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में शराब तस्करी करते पकड़ा गया था।

Goa liquor smuggling

शराब तस्करी को लेकर गरमाई गोवा की सियासत।

गोवा के आबकारी निरीक्षक की गिरफ्तारी ने एक नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में संगठित शराब तस्करी सरकारी संरक्षण में चल रही है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को ज़िम्मेदार ठहराया है और दावा किया है कि राज्य का आबकारी तंत्र पूरी तरह से समझौतों में उलझा हुआ है।

आबकारी निरीक्षक प्रमोद विष्णुनाथ जुवेकर की गिरफ्तारी से मचा सियासी कोहराम

विवाद की शुरुआत तब हुई जब आबकारी निरीक्षक प्रमोद विष्णुनाथ जुवेकर को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में गोवा निर्मित शराब की तस्करी करते हुए पकड़ा गया। एक गोवा-रजिस्टर्ड गाड़ी से 138.06 लीटर शराब, जिसकी क़ीमत ₹68,000 बताई गई है, ज़ब्त की गई और जुवेकर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद गोवा के आबकारी विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया।

गोवा के अधिकारी की कर्नाटक में गिरफ्तारी के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा

गिरफ्तारी के बाद, गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि "गोवा शर्मिंदा, आधिकारिक संरक्षण बेनकाब! हमारे अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने विधानसभा में महीनों पहले ही बड़े पैमाने पर गोवा से शराब की तस्करी का मुद्दा उठाया था। यह सारा धंधा 'ऊपर' के आशीर्वाद से ही चल रहा है। अब सच सामने आ गया है।"

गोवा के विधायक और विपक्षी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विदय सरदेसाई ने कहा कि यह गिरफ्तारी उनके उन आरोपों को साबित करती है, जो उन्होंने पहले विधानसभा में उठाए थे। उन्होंने कहा कि यह केवल एक अधिकारी की गलती नहीं है, बल्कि यह पूरे तंत्र में व्याप्त गड़बड़ी की निशानी है। विपक्ष ने अब इस पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है, और इसे गोवा के आबकारी विभाग में "गंभीर सड़ांध" का प्रतीक बताया है। सरदेसाई का आरोप है कि ऐसी तस्करी "ऊपरी संरक्षण" के बिना संभव नहीं हो सकती।

अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद सवाल यह उठ रहे हैं कि एक वरिष्ठ अधिकारी इतनी बड़ी मात्रा में शराब राज्य सीमा पार कैसे ले गया और किनकी शह पर ये संभव हुआ? गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने मुख्यमंत्री से जवाब मांगा है कि इस तंत्र को दुरुस्त करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी और जनता का विश्वास कैसे बहाल किया जाएगा।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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