नशा मुक्त भारत अभियान में सरकार को मिला आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का साथ, दोनों मिलकर करेंगे काम
आर्ट ऑफ लिविंग के PRAN (प्रोग्राम फॉर रिलीज फ्रॉम एडिक्शन नैचुरली) कार्यक्रम शराब, ड्रग्स, गुटखा, तंबाकू, सिगरेट, या अन्य पदार्थों की लत से प्रभावित लोगों के लिए प्रभावी सहायता प्रदान करते हैं। पुणे में, इस वर्ष की शुरुआत में, श्री श्री रविशंकर ने 1.5 लाख से अधिक युवाओं को जीवन भर के लिए नशीले पदार्थों को न कहने के लिए प्रेरित किया।
नशा मुक्त भारत अभियान को मिला आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का साथ।
नई दिल्ली: भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) अभियान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से वैश्विक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, डॉ वीरेंद्र कुमार, माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री भारत सरकार, सौरभ गर्ग सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार, और राधिका चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, ताकि नशामुक्ति के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
हमें इस अभियान को सफल बनाना है : श्री श्री रविशंकर
अभियान के शुभारंभ के दौरान श्री श्री रविशंकर ने कहा, 'यह एक महत्वपूर्ण अभियान है। जैसे हमारे पास देश की रक्षा के लिए लड़ने वाले सैनिक हैं, वैसे ही हम देश के भीतर भी नशे के खिलाफ लड़ रहे हैं। हमें इस अभियान को जल्द से जल्द सफल बनाना है, भारत को बचाना है। हमारे देश की पहचान हमारे युवा हैं और यदि हमारे युवा नशा करते हैं तो हमारे देश का भविष्य धुंधला होने लगता है। हमारे युवाओं में जीवन में फलने-फूलने की बहुत अधिक आशाजनक क्षमता है, लेकिन नशा न केवल व्यक्ति को बल्कि उनके परिवार, समाज और राष्ट्र को उस ताकत से वंचित कर देता है।'
नशे से लड़ना सामूहिक जिम्मेदारी- डॉ. कुमार
आध्यात्मिक गुरु की दृष्टि एवं विचारों का समर्थन करते हुए, डॉ. कुमार ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, 'हमें श्री श्री रविशंकर और आर्ट ऑफ लिविंग के साथ जुड़कर गर्व महसूस हो रहा है। हमारे देश के सामने एक बड़ी चुनौती है। हम उन लोगों के खिलाफ छद्म युद्ध लड़ रहे हैं जो हमारे युवाओं को नशे की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं। इसे रोकना केवल सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इस खतरे को समाप्त करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों, विश्वास समूहों, स्वयं सहायता समूहों सहित सभी को आगे आने की आवश्यकता होगी।'
नशा मुक्त भारत अभियान, NMBA जागरूकता, जन आंदोलन और सामुदायिक पहुंच के माध्यम से कमजोर समूहों और आम जनता को लक्षित करके मादक द्रव्यों के सेवन की देशव्यापी समस्या से निपटने की एक पहल है।
नशा मुक्ति की ओर किए गए आर्ट ऑफ लिविंग के प्रयास
आर्ट ऑफ लिविंग कई दशकों से नशीली दवाओं के खतरे से लड़ने के लिए काम कर रहा है, जिससे हजारों लोगों को 60% से अधिक की सफलता दर के साथ व्यसनों के दुष्चक्र से बाहर आने में मदद मिली है, जो सफलता की औसत दर से दोगुनी है। आर्ट ऑफ लिविंग के PRAN (प्रोग्राम फॉर रिलीज फ्रॉम एडिक्शन नैचुरली) कार्यक्रम शराब, ड्रग्स, गुटखा, तंबाकू, सिगरेट, या अन्य पदार्थों की लत से प्रभावित लोगों के लिए प्रभावी सहायता प्रदान करते हैं। पुणे में, इस वर्ष की शुरुआत में, श्री श्री रविशंकर ने 1.5 लाख से अधिक युवाओं को जीवन भर के लिए नशीले पदार्थों को न कहने के लिए प्रेरित किया।
युवाओं को 'से नो टू ड्रग्स' का संदेश देते हैं श्री श्री रविशंकर
आर्ट ऑफ लिविंग अपनी ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके तथा देश भर में मौजूद अपने केंद्रों के माध्यम से योग, श्वास और ध्यान सहित स्वस्थ जीवन शैली की विधियों पर कार्यक्रम आयोजित करके 'से नो टू ड्रग्स' के संदेश को युवाओं, महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों और कमजोर आबादी सहित देश के कोने-कोने तक पहुंचाने में लगा रहेगा।
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