मोबाइल रिचार्ज पर सियासी भिड़ंत हुई तेज, सरकार का कांग्रेस पर पलटवार, कहा- भारत में कीमत सबसे कम
सरकार ने हाल में मोबाइल शुल्क दरों में की गई बढ़ोतरी के बारे में भ्रामक दावों को खारिज कर दिया। केंद्रीय संचार मंत्रालय का यह बयान कांग्रेस द्वारा तीन प्रमुख कंपनियों द्वारा घोषित मोबाइल शुल्क बढ़ोतरी को लेकर सरकार की आलोचना करने के बाद आया है।
मोबाइल रिचार्ज हुआ महंगा
Mobile Recharges Price Hike: दूरसंचार कंपनियों की ओर से की गई मोबाइल शुल्क बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस ने शुल्क बढ़ोतरी को सरकार पर हमला बोला तो सरकार ने भी पलटवार किया। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत का मोबाइल सेवा बाजार मांग और आपूर्ति के जरिए संचालित होता है, जिसमें तीन निजी दूरसंचार कंपनियां और एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी शामिल है तथा ये कंपनियां ग्राहकों को वैश्विक स्तर पर सबसे कम शुल्क दरों की पेशकश करती हैं।
दावों को बताया भ्रामक
सरकार ने हाल में मोबाइल शुल्क दरों में की गई बढ़ोतरी के बारे में भ्रामक दावों को खारिज कर दिया। केंद्रीय संचार मंत्रालय का यह बयान कांग्रेस द्वारा तीन प्रमुख कंपनियों द्वारा घोषित मोबाइल शुल्क बढ़ोतरी को लेकर सरकार की आलोचना करने के बाद आया है। कांग्रेस ने सवाल उठाया था कि दूरसंचार कंपनियों को बिना किसी निगरानी और विनियमन के एकतरफा रूप से दरें बढ़ाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।
कांग्रेस का केंद्र पर निशाना
कांग्रेस ने दूरसंचार क्षेत्र की तीन प्रमुख कंपनियों द्वारा शुल्क दर में बढ़ोतरी किए जाने के बाद शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कटाक्ष किया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का जनता के लिए उसके मित्रवादी पूंजीवाद का प्रसाद है। हाल में तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने ढाई साल के अंतराल के बाद शुल्क वृद्धि की घोषणा की। सबसे पहले सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने यह कदम उठाया।
मंत्रालय ने दावे किए खारिज
कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए मंत्रालय ने अपने बयान में तर्क दिया कि पिछले दो दशकों से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा मोबाइल सेवाओं की दरों को नियंत्रित रखा गया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार की नीतियों और नियामक द्वारा अधिसूचित नियामक ढांचे के परिणामस्वरूप भारत में मोबाइल सेवाओं की लागत उपभोक्ताओं के लिए सबसे कम हो गई है।
कांग्रेस का सवाल
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार ने 109 करोड़ सेल फोन उपभोक्ताओं की जेब से 34,824 करोड़ रुपये की वसूली की अनुमति क्यों दी? उन्होंने कहा कि देश के 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का सेल फोन इस्तेमाल करते हैं। मोदी सरकार ने इन 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स पर सालाना 34,824 करोड़ रुपए का बोझ डाल दिया है।
जियो, एयरटेल और वोडाफोन का प्लान हुआ महंगा
देश की प्राइवेट सेल फोन कंपनियों, यानी रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने एक साथ अपना टैरिफ औसतन 15 प्रतिशत बढ़ा दिया है। इनका मार्केट शेयर 91.6 फीसदी है, यानी कुल 119 करोड़ में से 109 करोड़ सेल फोन यूजर केवल रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का प्लान इस्तेमाल करते हैं।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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