अयोध्या में राम लला का सूर्य तिलक, 500 साल बाद शानदार जश्न, जानिए 10 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राम नवमी के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। पीएम ने कहा कि अयोध्या अतुलनीय आनंद में है क्योंकि राम मंदिर के अभिषेक के बाद यह पहली बार है कि यहां उत्सव मनाया जाएगा।
राम लला का सूर्य तिलक
Ram Navami at Ayodhya temple: राम नवमी समारोह के अवसर पर बुधवार 17 अप्रैल अयोध्या का नजारा ही अलग था। सुबह से ही हजारों भक्तों की भीड़ अयोध्या के राम मंदिर में उमड़ पड़ी। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर में राम नवमी के उत्सव का 500 वर्षों से बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था और पूरा देश बहुत खुश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राम नवमी के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। पीएम ने कहा कि अयोध्या अतुलनीय आनंद में है क्योंकि राम मंदिर के अभिषेक के बाद यह पहली बार है कि यहां उत्सव मनाया जाएगा। दोपहर 12.16 बजे राम लला का बहुप्रतीक्षित 'सूर्य अभिषेक'। यह चार मिनट तक चला। इस दौरान सूर्य की किरणों से रामलला के माथे पर 'तिलक' बना।
अयोध्या में राम नवमी की 10 बड़ी बातें
- राम मंदिर के दर्शन से पहले श्रद्धालुओं ने अयोध्या में सरयू नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाई। रात होते ही घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया। सुबह 3:30 बजे राम मंदिर में दर्शन शुरू हुए।
- 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए नए मंदिर में राम मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली राम नवमी रही।
- सूर्य तिलक के दौरान भक्तों को राम मंदिर के अंदर जाने की अनुमति मिली। मंदिर ट्रस्ट द्वारा लगभग 100 और सरकार द्वारा 50 एलईडी स्क्रीन लगाई गई जिसने रामनवमी समारोह को दिखाया। लोग जहां मौजूद थे वहीं से समारोह देख पाए।
- अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। आईजी (अयोध्या रेंज) प्रवीण कुमार ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है। आईजी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि सभी इलाकों को जोन और सेक्टर में बांटा गया। हमारे स्वयंसेवकों और फोर्स मल्टीप्लायरों को तैनात किया गया है। भारी वाहनों की आवाजाही के लिए भी व्यवस्था की गई है।
- राम नवमी के खास समारोह में राम लला को 56 प्रकार के भोग प्रसाद भी चढ़ाए गए।
- केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की के वैज्ञानिकों ने सूर्य की गति के आधार पर सूर्य तिलक के समय की गणना की। राम लला का 'सूर्य अभिषेक' उच्च गुणवत्ता वाले दर्पण और लेंस के साथ एक ऑप्टोमैकेनिकल प्रणाली का उपयोग करके किया गया।
- 'सूर्य अभिषेक' की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सीबीआरआई के विशेषज्ञ अयोध्या में डेरा डाले रहे।
- 23 अक्टूबर, 2022 को दीपोत्सव समारोह के लिए अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रस्ट के सदस्यों को सुझाव दिया कि राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण इस तरह किया जाना चाहिए कि सूर्य की किरणें सीधे राम पर पड़ें। ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर की घटना के समान।
- भक्तों को धूप से बचाने के लिए जन्मभूमि पथ पर स्थायी छत्र लगाया गया है, जबकि भक्ति पथ पर भी अस्थायी छत्र लगाया गया है। इसके अलावा अयोध्या प्रशासन ने मेला क्षेत्र में टेढ़ी बाजार से नया घाट तक 29 स्थानों पर सहायता बूथ स्थापित किए हैं।
- ट्रस्ट ने दर्शन की अवधि भी बढ़ाकर 19 घंटे कर दी है, जो मंगला आरती से शुरू होकर रात 11 बजे तक जारी रहेगी। चार भोग लगाने के दौरान सिर्फ पांच मिनट के लिए पर्दा बंद रहेगा।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अयोध्या नगरी अतुलनीय आनंद में है क्योंकि वहां राम मंदिर बनने के बाद यह पहली रामनवमी है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी एक मील का पत्थर है जो सदियों की भक्ति को आशा और प्रगति के एक नए युग से जोड़ती है। यह वह दिन है जिसका करोड़ों भारतीयों को इंतजार था। उन्होंने कहा कि यह देशवासियों की वर्षों की मेहनत और बलिदान का फल है। प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे और हमारे जीवन को ज्ञान और साहस से रोशन करते हुए हमें धर्म और शांति की ओर ले जाए।
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अमित कुमार मंडल author
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