Green Energy Conference में नितिन गडकरी ने बताया प्रदूषण कम करने का तरीका, जानिए क्‍या कहा

Green Energy Conference : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक लाने के लिए आईआईटी जैसे संस्थानों के महत्व पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी जरूरत पर आधारित होनी चाहिए।

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ग्रीन ऊर्जा सम्मेलन में मौजूद नितिन गडकरी।

Green Energy Conference : पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं कर भारत अपने प्रदूषण को 40 फीसदी से ज्यादा कम कर सकता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को यह बात कही। गौरतलब है कि भारत हर साल 16 लाख करोड़ रुपये का कच्चा तेल आयात करता है। गडकरी ने यहां ग्रीन ऊर्जा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'हम पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन का उपयोग न करके 40 प्रतिशत प्रदूषण को कम कर सकते हैं।' इस सम्मेलन का आयोजन आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-रोपड़ और दिल्ली विश्वविद्यालय के सहयोग से नवीकरणीय ऊर्जा सेवा पेशेवर एवं उद्योग परिसंघ ने किया था।

हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने पर जोर

गडकरी ने कहा कि, हम हर साल 16 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं। यह हमारे लिए एक बड़ी आर्थिक चुनौती है। इससे प्रदूषण भी होता है। इसके अलावा, हम 12 लाख करोड़ रुपये के कोयले का भी आयात करते हैं। गडकरी ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक लाने के लिए आईआईटी जैसे संस्थानों के महत्व पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी जरूरत पर आधारित होनी चाहिए, आर्थिक रूप से व्यवहार्य होनी चाहिए और इसके लिए कच्चा माल उपलब्ध होना चाहिए। IT दिल्ली में ग्रीन ऊर्जा कॉन्क्लेव 2023 और ग्रीन ग्लोब अवार्ड समारोह का उद्घाटन करते समय गडकरी ने ये सारी बातें कही। इस दौरान उन्‍होंने पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को भी सम्मानित किया। बता दें, ग्रीन ऊर्जा कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस प्रोफेशनल्स एंड इंडस्ट्रीज (CRESPAI) द्वारा IIT दिल्ली, IIM लखनऊ और हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहयोग से किया गया।

क्‍या है CRESPAI

CRESPAI दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी निकाय है जो स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को कम करने के लिए पर्यावरण के उद्देश्य के लिए काम कर रहा है। इसका उद्देश्य अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उद्योगों, पेशेवरों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों का समर्थन करने के लिए एक ज्ञान आधार और ऑनलाइन मंच तैयार करना है।

क्‍या काम करता है CRESPAI

CRESPAI के सीए सुधीर कुमार दास ने कहा, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र के संस्थानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की जिम्मेदारी निभानी होगी। ग्रीन ऊर्जा कॉन्क्लेव पर्यावरण की रक्षा के लिए एक ठोस प्रयास के लिए नीति निर्माताओं, उद्योगों और नागरिक समाज संगठनों जैसे सभी हितधारकों को एक साथ लाने का एक मंच है। उन्होंने कहा, CRESPAI सभी क्षेत्रों और सभी स्तरों पर स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। दास ने कहा, Crespai को भारत का सबसे बड़ा थिंक टैंक माना जाता है, जहां विभिन्न पृष्ठभूमि के विशेषज्ञ पर्यावरण की कमी, कार्बन नियंत्रण, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकियों, EV, हाइड्रोजन ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आते हैं।

ग्रीन उर्जा कॉन्क्लेव का तीसरे संस्करण

इस वर्ष, ग्रीन उर्जा कॉन्क्लेव के तीसरे संस्करण में देश भर के कई ग्रीन हीरोज, पर्यावरण कार्यकर्ताओं, अनुसंधान विद्वानों और संरक्षणवादियों द्वारा भाग लिया । ग्रीन ग्लोब अवार्ड 2023 के विजेताओं को पर्यावरण के संरक्षण के लिए अपने अथक कार्य के लिए व्यक्तियों के साथ-साथ संगठनों को सम्मानित किया गया। ग्रीन उर्जा कॉन्क्लेव का पहला संस्करण 2021 में IIT दिल्ली में आयोजित किया गया था। उन्होंने बताया, समारोह के दौरान साइकिल चालकों, जिन्होंने दिल्ली में 2200 किमी अभियान को भुवनेश्वर में पूरा किया, को 2022 में ग्रीन ग्लोब अवार्ड से सम्मानित किया गया। 2022 में दूसरे ग्रीन ऊर्जा कॉन्क्लेव में, ग्रीन एनर्जी सेक्टर में कई पर्यावरण कार्यकर्ताओं, संगठनों और स्टार्टअप को ग्रीन ग्लोब के साथ 14 में शामिल किया गया।

ये वक्ता रहे मौजूद

ग्रीन उर्जा कॉन्क्लेव 2023 में शंभू सिंह, आईएएस, पूर्व विशेष सेक्योरिटी, लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे, प्रिंसिपल सलाहकार, रक्षा मंत्रालय, प्रो. राम, प्रोनिपल हंसराज कॉलेज, प्रो सुकुमार मिश्रा, डीन आईत दिल्ली, श्रीमानंदे चौधरी, इरेश्री जनरल अलोक सिंह केलर, सीईओ अतुल्या गंगा, प्रो दीनबंधु साहू, वैज्ञानिक और जैव विविधता शोधकर्ता, मेजर जनरल विनोद भट्ट, पर्यावरणविद् और अतुल्य गंगा के मुख्य संरक्षक, प्रो अनुभा वशिष्ट, प्रोफेसर मोनिका कुल्ल, जीव विज्ञान की प्रोफेसर, हंसराज कॉलेज, कर्नल माइक अकीश्वर, सह संस्थापक अतुल्या गंगा, केविन वेनबर्ग, संयुक्त राज्य अमेरिका, सौर ऊर्जा पेशेवर, माइक मैट्सन, एंटरप्रेन्योर, सामाजिक विकास अधिवक्ता, मंजरी श्रीवास्तव, वाइस प्रिंसिपल, मिरांडा हाउस, महेंद्र गोयल, जस्टिन एंथनी, देवेंद्र सूरा, मनसोखभाई प्रजापति, मित्तिकूल मैन, कामलेश्वार मिश्रा, स्कॉट वेलीस मौजूद रहे।
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शाश्वत गुप्ता author

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