हैं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर तो हो जाइए सावधान, ये गलती लगा सकती है 50 लाख तक का जुर्माना

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) भ्रामक विज्ञापन के संबंध में उत्पादों के विनिर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और प्रचारकों पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपये तक की जा सकती है। इसके अलावा प्राधिकरण किसी भ्रामक विज्ञापन का प्रचार करने वाले को एक साल तक किसी भी विज्ञापन से रोक सकता है जिसे तीन साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।

सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए हितों का खुलासा करना अनिवार्य (प्रतीकात्मक फोटो- Pixabay)

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए उत्पादों और सेवाओं का प्रचार करते समय अपने 'भौतिक जुड़ाव’ और हितों का खुलासा करना अनिवार्य करते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर विज्ञापन को प्रतिबंधित करने जैसे सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। ये दिशानिर्देश भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए जारी कोशिशों का हिस्सा हैं।

लगेगा जुर्माना

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सोशल मीडिया मंचों पर मशहूर हस्तियों, इंफ्लूएंसर एवं ऑनलाइन मीडिया इंफ्लूएंसर के बारे में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनके उल्लंघन की स्थिति में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत भ्रामक विज्ञापन के लिए निर्धारित जुर्माना लगाया जाएगा। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) भ्रामक विज्ञापन के संबंध में उत्पादों के विनिर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और प्रचारकों पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपये तक की जा सकती है। इसके अलावा प्राधिकरण किसी भ्रामक विज्ञापन का प्रचार करने वाले को एक साल तक किसी भी विज्ञापन से रोक सकता है जिसे तीन साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।

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