गुजरात चुनाव से पहले AAP की हुईं रेशमा पटेल: NCP में टिकट न मिलने से थीं नाराज, कोटा आंदोलन से रहा है जुड़ाव

गुजरात में राकांपा के महिला मोर्चा की प्रमुख पटेल को राजकोट जिले के गोंदल सीट टिकट चाहिए था, क्योंकि वह क्षेत्र में काफी सक्रिय थीं। उन्होंने गठबंधन की घोषणा होने से एक दिन पहले वहां से पर्चा भरने की बात भी कही थी।

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रेशमा पटेल कोटा आंदोलन की पूर्व नेता हैं। गुजरात में उन्होंने आरक्षण की मांग को लेकर सक्रियता से आवाज उठाई थी। (AAP)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सूबे में आरक्षण की मांग को लेकर हुए कोटा आंदोलन की पूर्व नेता रेशमा पटेल बुधवार (16 नवंबर, 2022) को आम आदमी पार्टी का हिस्सा बन गईं। उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का दामन छोड़ने के महज एक दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली आप का "झाड़ू" सूबे में सियासी सफाई के लिए उठा लिया। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने से वह नाराज थी और इसी वजह से रेशमा राकांपा छोड़कर आप में आईं।

आप गुजरात के सह-प्रभारी और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पटेल को आप की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। साथ ही रेखांकित किया कि गुजरात में 2015 पाटीदार कोटा आंदोलन का वह प्रमुख चेहरा रही थीं। चड्ढा ने मीडिया को बताया, ‘‘मुझे विश्वास है कि उन जैसे व्यक्तित्व से आप को लाभ होगा और गुजरात में पार्टी मजबूत होगी। कौन उम्मीदवार कहां से चुनाव लड़ेगा यह फैसला आप की राजनीतिक मामलों की समिति करेगी। पटेल के आप में शामिल होने का प्रभाव सिर्फ एक सीट या एक जिले पर नहीं बल्कि पूरे गुजरात पर होगा।’’

पटेल ने कहा कि उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचित तबके के लोगों की आवाज उठायी है और अब वह अपनी ऊर्जा और समय ऐसी ‘‘पार्टी में लगाना चाहती हैं जिसपर गुजरात का भविष्य टिका है।’’ वह बोलीं, ‘‘(आप के राष्ट्रीय समन्वयक) अरविंद केजरीवाल खुद भी आंदोलन से ऊभरे हैं। इसका मतलब है कि वह प्रदर्शन करने वालों की भावनाओं को समझ सकते हैं और यही वजह है कि आज मैं आप में शामिल हो रही हूं। मुझे विश्वास है कि केजरीवाल के नेतृत्व में और समर्पित आप कार्यकर्ताओं के साथ, मैं अपनी ताकत बढ़ाने और जनता के लिए काम करने में सफल होउंगी।’’

राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) ने हाल ही में गुजरात विधानसभा के लिए चुनावपूर्व गठबंधन की घोषणा की है, जिसके तहत शरद पवार नीत पार्टी तीन सीटों उमरेठ (आणंद जिला), नरोदा (अहमदाबाद) और देवगढ़ गरिया (दाहोद जिला) पर चुनाव लड़ेगी। गुजरात में राकांपा के महिला मोर्चा की प्रमुख पटेल को राजकोट जिले के गोंदल सीट से टिकट चाहिए था, क्योंकि वह क्षेत्र में काफी सक्रिय थीं, और उन्होंने गठबंधन की घोषणा होने से एक दिन पहले वहां से पर्चा भरने की बात भी कही थी। हार्दिक पटेल के नेतृत्व में हुए आरक्षण आंदोलन के आयोजक ‘पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास)’ में रेशमा महत्वपूर्ण चेहरा रहीं थीं।

गुजरात में दिसंबर 2017 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले रेशमा भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में शामिल हुई थीं, लेकिन 2019 में वह राकांपा में चली गईं। भाजपा में शामिल होते वक्त 2017 में उन्होंने हार्दिक पटेल पर ‘कांग्रेस का एजेंट’ होने का आरोप लगाया था। हार्दिक पटेल बाद में भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें अहमदाबाद जिले के विरमगाम से टिकट दिया है। सूबे की 182 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होना है। वोटों की गिनती आठ दिसंबर को होनी है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

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अभिषेक गुप्ता author

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