'चाय से ज्यादा केतली गरम', किसे सुना गए गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल?
Gujarat News : गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने किसे कह दिया कि "चाय से ज्यादा केतली गरम"। गुजरात के मृदु छवि वाले भूपेंद्र दादा गुजरात में अधिकारियों के लिए असल दादा साबित होते नजर आ रहे हैं। आखिर क्या है इसकी वजह आपको इस खास रिपोर्ट में बताते हैं।
CM Bhupendra Patel in Action Mode: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ऐसे तो इनको पूरा गुजरात दादा कहकर बुलाता है, जिस तरह का व्यक्तित्व है उसे देखते हुए घर के बड़े सदस्य की तरह सीएम को सभी दादा बुलाते है लेकिन यही गुजरात के मृदु छवि वाले दादा गुजरात में अधिकारियों के लिए असल दादा साबित होते नजर आ रहे हैं।
गुजरात में लगातार हो रही बड़ी घटनाएं
भूपेंद्र पटेल के कार्यकाल तीन बड़ी घटनाएं हुई, एक 2022 में मोरबी जिसमें करीब 100 से ज्यादा लोगों की जान गई थी, कई बच्चे भी थे, दूसरी जनवरी 2024 में बड़ौदा की हरनी बोट कांड जिसमें 14 लोग मरे थे, उसमें से 12 सिर्फ बच्चे थे और ठीक छह महीने के भीतर राजकोट का टीआरपी गेम जोन अग्निकांड जिसमें 27 लोग मरे और अधिकतर बच्चे ऐसे में भूपेंद्र पटेल सरकार को हाईकोर्ट की फटकार लगातार लग रही है और अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की बात हाईकोर्ट लगातार कर रहा है। ऐसे में भूपेंद्र पटेल उर्फ भूपेंद्र दादा के तेवर कुछ बदले बदले नजर आ रहे हैं।
राजकोट अग्निकांड के बाद एक्शन में सीएम
एक तरफ राजकोट अग्निकांड में 27 की मौत के मामले को करीब एक महीना होने आया है, 25 जून को महीना हो जायेगा तो अब तक मुख्यमंत्री ने इस पर कुछ बोला नहीं था, लेकिन ठीक हाईकोर्ट में जब मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल सरकार को फटकार लगा रही थी तो उसके पहले गुजरात केस महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओ कों विकास के लिए 2111 हजार करोड़ रुपए के चेक वितरण समारोह में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुरुआत ही राजकोट अग्निकांड से की, हालांकि उनके कार्यकाल में हुए सारे मामलों में नगर पालिका और महानगर पालिका में ही अधिकतर भ्रष्टाचार दिखा है, तो उन्होंने भाषण की शुरुआत में ही कहा की मानव जीवन सुरक्षा को हमें सबसे पहली प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा के मानव जीवन की सुरक्षा संदर्भ में कोई समझौता नही होना चाहिए, विकास की तेज रफ्तार में लोगों का ध्यान रखना भी आवश्यक है, जिससे विकास कार्य तेजी से हो।
तो वहीं ठीक दूसरे ही दिन आनंद जिले के प्रवास पर थे। सीएम और अचानक से बिना किसी को बताए आनंद के प्रांत कार्यालय में मुख्यमंत्री ने सरप्राइज़ विजिट की और वहां मौजूद अधिकारियों से और लोगों से बातचीत तक की, जिस दौरान वहां मौजूद सारे अधिकारियों के सीएम भूपेंद्र पटेल को बिना किसी जानकारी के कार्यालय में देख होश तक उड़ गए।
वहां से निकलकर जिले के दूसरे तय कार्यक्रम में पहुंचे और लोगों से संवाद कर रहे थे उस दौरान भी सीएम ने कह दिया ये जो किटलिया ज्यादा गरम है उसे ठंडी करनी जरूरी है। साफ संदेश था उनके साथ मंच पर कई अधिकारी मौजूद थे और आनंद के सांसद मितेश पटेल तक मौजूद थे सबके होश उड़ादेने वाला ऐसा बयान कभी भूपेंद्र पटेल देंगे यह किसी को उम्मीद तक नहीं थी।
'चाय से ज्यादा जो किटलिया गरम है'
सीएम पटेल का कहना था कि चाय से ज्यादा जो किटलिया गरम है, वो ठंडी होनी जरूरी है। मतलब सरकार में मंत्री और पदाधिकारियों से ज्यादा अधिकारी के पर निकले हुए हैं जिसे काटना जरूरी है। क्योंकि अधिकारियों के चलते ही सीएम और उनकी सरकार को हाईकोर्ट से सुनना पड़ता है कि आप लोग अधिकारियों के बचाव में कार्य कर रहे हैं। आपकी वजह से सरकार और सरकारी तंत्र की सुविधा पर उन्हें अब विश्वास नहीं रहा, मोरबी के वक्त की राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगी जिसके बाद राजकोट के बाद भी कड़ी फटकार लगी तो गुजरात के भूपेंद्र दादा अपने अधिकारियों के लिए दादा बने और साफ संदेश दे दिया की नही सुधरोगे तो सुधार देंगे और सारी गर्मी ठंडी कर दी जाएगी।
सीएम के इस बयान के बाद सरकारी महकमों में बस एक ही चर्चा है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र दादा अगर दादागिरी पर उतर आए तो फिर उनका क्या होगा? वैसे गुजरात में जनता ही नही बल्कि कई विधायक और मंत्री तक शिकायत कर चुके हैं कि अधिकारी राज समाप्त करना होगा जल्द से जल्द, क्योंकि अधिकारी किसी की सुनते नहीं है। अब सीएम के बदलते तेवर दिखा रहे हैं कि गुजरात फिर से मोदी राज में जैसे चलता था, उसी राज की तरफ आगे बढ़ रहा है और गुजरात के भूपेंद्र दादा अपने अधिकारियों की गर्मी ठंडी करने के यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह ही गुजरात के अधिकारियों की गर्मी को ठंडी करने के लिए दादागिरी पर उतरते दिख रहे हैं।
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