हाल-ए-गुजरातः 'बहुत उड़ रहा है', दलित के अच्छे कपड़ों-चश्मे पर टोका, फिर मां के साथ पीटा; 7 पर केस

शिकायत के हवाले से पुलिस ने बताया कि जब उसकी मां उसे बचाने के लिए दौड़ी तो उसके साथ भी उन लोगों ने मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने उसकी मां के कपड़े भी फाड़ दिए।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

21वीं सदी में आकर हमें भले ही विकसित और आगे बढ़ने की लाख बातें करते हों, मगर अभी भी कुछ घटनाएं और वाकये ऐसे हो जाते हैं जो हमारे तंत्र और समाज पर सवाल उठा देते हैं। ऐसा ही एक मामला गुजरात से सामने आया है, जहां पर एक दलित युवक का अच्छे कपड़े और चश्मा पहनना ऊंची जाति के लोगों को रास न आया। यही वजह रही कि उन्होंने इसे मुद्दा बनाते हुए न सिर्फ ताने सुनाए बल्कि कथित तौर पर उसे और उसकी मां की पिटाई भी कर दी। हालांकि, इस पूरे मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

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यह पूरा मामला बनासकांठा जिले के गांव का है। गुरुवार (एक जून, 2023) को पुलिस ने इस बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, यह घटना मंगलवार रात पालनपुर तालुका के मोटा गांव की है। पीड़ित जिगर शेखालिया और उसकी मां का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है। शेखालिया की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि मंगलवार सुबह जब पीड़ित अपने घर के बाहर खड़ा था तो सात आरोपियों में से एक उसके पास आया। उसने पीड़ित को गाली दी और जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि वह “इन दिनों बहुत ऊंचा उड़ रहा है”।

पुलिस के मुताबिक, उसी रात जब शिकायतकर्ता गांव के एक मंदिर के बाहर खड़ा था तो समुदाय के छह आरोपी (राजपूत उपनाम) उसकी ओर आए। हाथ में लाठी लिए आरोपियों ने उससे पूछा कि उसने कपड़े क्यों पहने और चश्मा क्यों लगाया? फिर उन्होंने उसकी पिटाई की और उसे डेयरी पार्लर के पीछे खींच कर ले गए। शिकायत के हवाले से पुलिस ने बताया कि जब उसकी मां उसे बचाने के लिए दौड़ी तो उसके साथ भी उन लोगों ने मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने उसकी मां के कपड़े भी फाड़ दिए।

जानकारी के अनुसार, सात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत दंगा, गैर-कानूनी रूप से इकट्ठा होने, एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, अपमानजनक भाषा का उपयोग करने आदि के तहत गढ़ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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अभिषेक गुप्ता author

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