पार्टी कोई भी हो जीत इन्हीं की होती है, गोधरा से 6 बार बन चुके हैं विधायक; बिलकीस के रेपिस्टों को बताया था 'संस्कारी'

बीजेपी के चंद्रसिंह राउलजी गुजरात सरकार की उस समिति का हिस्सा थे, जिसने सर्वसम्मति से 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ बलात्कार करने और उसकी तीन साल की बेटी सहित उसके परिवार के नौ सदस्यों की हत्या करने के दोषी 11 लोगों को रिहा करने का फैसला किया था।

बीजेपी विधायक चंद्रसिंह राउलजी

Gujarat Election: गुजरात विधानसभा की गोधरा सीट पर चंद्रसिंह राउलजी का कब्जा पिछले कई सालों से बरकरार है। जनता दल से अपनी राजनीति की शुरूआत करने वाले राउलजी कई पार्टियों में रह चुके हैं, लेकिन गोधरा सीट की कहानी ऐसी है कि चंद्रसिंह रहें किसी भी पार्टी में, जीत उन्हीं की होती है, हालांकि इस बार उनकी राह थोड़ी मुश्किल लग रही है। बिलकीस बानो के रेपिस्टों को लेकर दिया गया बयान उनके खिलाफ जा सकता है।
कौन हैं चंद्रसिंह राउलजी
चंद्रसिंह राउलजी गोधरी सीट से अपराजेय रहे हैं, गोधरा दंगों के पहले भी और बाद भी में वो इस सीट से जीतते रहे हैं। इनकी जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका इस सीट पर मौजूद अल्पसंख्यक निभाते रहे हैं। इन वोटों के बारे में कहा जाता है कि ये एकमुश्त राउलजी को जाता है। राउलजी ने अपनी राजनीति की शुरूआत जनता दल से की थी। 1990 में पहली बार गोधरा सीट से चुने गए थे। एक साल के अंदर ही बीजेपी में शामिल हो गए और उपचुनाव में फिर से जीत गए। इसके बाद ये शंकर सिंह वघेला के साथ चले गए। जब वघेला ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया तो वो कांग्रेस के साथ हो लिए। इसके बाद 2007 और 2012 में कांग्रेस से चुनाव लड़े और जीत हासिल की।
बीजेपी में वापसी
2017 के विधानसभा चुनाव के समय राउलजी का फिर से मन परिवर्तन हुआ और वो वापस बीजेपी में आ गए। पिछली बार जब कांग्रेस हर सीट, बीजेपी से छिनने की कोशिश में लगी थी और भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी, तब भी राउलजी ने गोधरा से जीत हासिल कर ली थी। जिसके बाद गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भी बीजेपी ने उनपर भरोसा जताया और विवादों के बाद भी उन्हें टिकट दे दिया।
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