मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गुजरात ने बजाया डंका, देश में मिला सबसे अधिक निवेश- कोलियर्स

Gujarat News Today: कोलियर्स इंडिया की स्टडी के अनुसार वर्ष 2023 में गुजरात को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 30,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश मिला। 'मोस्ट पिर्फर्ड डेस्टिनेशन फॉर मैन्युफैक्चरिंग' के मामले में गुजरात पहले, महाराष्ट्र दूसरे और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है। गुजरात भारत की अग्रणी मैन्युफैक्चरिंग पॉवर बनने की ओर अग्रसर है।

कोलियर्स इंडिया की स्टडी।

Highest Investment In Manufacturing Sector: मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार आगामी 10वें वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की तैयारियों की अंतिम पड़ाव पर है। इस महत्वपूर्ण समय में गुजरात सरकार के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। कोलियर्स इंडिया ने भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ को लेकर एक विस्तृत स्टडी की है। इसमें उन्होंने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2025-26 तक भारतीय मैन्युफैक्चरिंग मार्केट $1 ट्रिलियन तक पहुंच सकता है और इस उपलब्धि में सबसे अधिक योगदान गुजरात के रहने की संभावना है। अपनी स्टडी में कोलियर्स ने यह भी बताया है कि वर्ष 2023 में गुजरात ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे अधिक निवेश हासिल किया है।

टॉप-3 में गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्य

'मोस्ट पिर्फर्ड डेस्टिनेशन फॉर मैन्युफैक्चरिंग' के मामले में गुजरात के बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है और तमिलनाडु तीसरे स्थान पर है। कोलियर्स इंडिया में एडवाइजरी सर्विसेस के एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर और हेड स्वप्निल अनिल ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की यात्रा में गुजरात के योगदान के बारे में बात करते हुए बताया, 'नई औद्योगिक नीति के तहत, गुजरात विनिर्माण क्षेत्र के लिए लगभग 34.7% प्रोत्साहन और लाभ आवंटित करता है, और जिसकी औसत सेटअप लागत अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है। यही कारण है कि गुजरात ने 2023 में घरेलू और विदेशी दोनों मैन्यूफैक्चरर्स से 30,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हासिल किया है। गुजरात में आने वाला यह निवेश राज्य के इंडस्ट्रियल फूटप्रिंट्स को मजबूत बनाएगा।'

उन्होंने आगे बताया, 'गुजरात में श्रमिक आबादी के बीच सबसे कम बेरोजगारी दर 4% है और जो नए उद्योगों को अपने व्यवसाय स्थापित करने के लिए काफी आकर्षित करते हैं। इसके अलावा बंदरगाह, कनेक्टिविटी, स्थिर सरकार, सस्ती दरों पर भूमि की उपलब्धता, त्वरित निर्णय, श्रम उपलब्धता, व्यापार के लिए सहयोगात्मक माहौल और सहायक व्यापार नीतियों ने गुजरात को इस रेस में सबसे आगे बना रखा है।'

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