'राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान' के तहत मोतियाबिंद ऑपरेशन्स में गुजरात ने बनाया मुकाम, देश में सबसे आगे

वर्ष 2023-24 की बात करें तो राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत गुजरात में 1,51,700 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स का लक्ष्य रखा गया है, जिसके सापेक्ष गुजरात ने अब तक 81% से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन्स यानी 1,23,975 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स भी पूरे कर लिए हैं।

2023-24 की बात करें तो राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत गुजरात में 1,51,700 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स का लक्ष्य

मुख्य बातें

  1. 2022-23 के लिए आवंटित लक्ष्य 1,26,300 का 504%, यानी 6,36,428 मोतियाबिंद ऑपरेशन गुजरात में हुए
  2. 2023-24 में गुजरात के लिए है 1,51,700 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स का लक्ष्य; अब तक 1,23,975 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स हुए
  3. अब तक तय लक्ष्य से 81% अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन्स गुजरात में हुए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात ने उनकी संवेदनशील पहल 'राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान' के अंतर्गत वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित लक्ष्य 1,26,300 का 504%, यानी 6,36,428 मोतियाबिंद ऑपरेशन्स कर देश में पहला स्थान हासिल किया है। इतना ही नहीं, प्रति 10 लाख की आबादी पर 10,000 से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन की दर हासिल करके गुजरात इस श्रेणी में भी अग्रणी राज्य है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अंधत्व और दृश्य हानि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022 में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान की शुरुआत 3 साल के लक्ष्य के साथ मई 2025 तक देश में अंधेपन की दर को 0.25% तक कम करने के लिए की है। केंद्र सरकार की इस पहल के तहत 50 वर्ष से अधिक आयु के मोतियाबिंद के कारण अंधे या मोतियाबिंद के कारण दृष्टि दोष वाले व्यक्तियों के ऑपरेशन्स निःशुल्क किए जाते हैं।

'मोतियाबिंद अंधत्व मुक्त गुजरात' अभियान के तहत गुजरात ने हासिल की यह सिद्धि

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब वर्ष 2022 में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान की शुरुआत की तब उनके इस विचार को साकार रूप देने में गुजरात का योगदान सबसे अधिक हो इस उद्देश्य के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल ने भी वर्ष 2022 में ही 'मोतियाबिंद अंधत्व मुक्त गुजरात' अभियान की शुरुआत की।गुजरात सरकार का यह राज्य स्तरीय अभियान राज्य के 50 साल से अधिक उम्र के ऐसे नागरिक जिन्होंने मोतियाबिंद के कारण या तो अपनी दृष्टि खो दी थी, ये वे अपनी दृष्टि को खोने के समीप थे, उनके लिए एक वरदान साबित हुआ है।

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