Morbi में जिस रोज गिरा था पुल, उस दिन जारी किए गए थे तीन हजार से अधिक टिकट- फॉरेंसिक रिपोर्ट

Morbi Bridge Collapse: इस बीच, कांग्रेस के राहुल गांधी ने आगे आरोप लगाया, ‘‘क्या उन्हें कुछ नहीं होगा क्योंकि उनके भाजपा के साथ अच्छे संबंध हैं? उन्होंने चौकीदारों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया, लेकिन असली गुनहगारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।’’ तीस अक्टूबर की शाम मच्छु नदी पर ब्रिटिशकालीन पुल टूट गया था, जिसमें कई महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी। जिला बनने से पहले मोरबी राजकोट जिले का हिस्सा था।

Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में जिस रोज दुखद पुल हादसा हुआ था, उस दिन तीन हजार से अधिक टिकट जारी किए गए थे। यह बात फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट के जरिए सामने आई है। सरकारी वकील ने जिला अदालत में रिपोर्ट जमा करते हुए बताया कि ओरेवा ग्रुप (जिसके बाद सस्पेंशन ब्रिज के मेंटेनेंस, ऑपरेशंस और सिक्योरिटी का कॉन्ट्रैक्ट था) ने 30 अक्टूबर, 2022 को 3,165 टिकट जारी किए थे।

हालांकि, ये सारे टिकट बिके नहीं थे, पर कंपनी (असल में घड़ी बनाने वाली) ने किसी भी मामले में पुल की भार वहन क्षमता का आकलन नहीं किया था, जो मूल रूप से एक सदी पहले बनाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सोमवार को हादसे को ‘बड़ी त्रासदी’ करार दिया था। साथ ही गुजरात हाईकोर्ट से केस में जांच और पुनर्वास के साथ पीड़ितों को ‘सम्मानजनक’ मुआवजा दिलाने समेत अन्य पहलुओं की समय-समय पर निगरानी करने को कहा था। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की बेंच ने इन दलीलों को भी खारिज कर दिया कि मोरबी जैसे हादसे फिर नहीं हों, इसके लिए एक जांच आयोग गठित किया जाना चाहिए।

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