भारत के सबसे तेज विकास करने वाले राज्यों में गुजरात नंबर वन, दिल्ली से बहुत आगे निकला हरियाणा, देखें टॉप 10 सूची
आंकड़ों से पता चलता है कि गुजरात पिछले एक दशक से अधिक समय से पहले नंबर पर है। स्थिर मूल्य पर इसका जीएसडीपी 8.2 प्रतिशत की CAGR से बढ़ा है।
भारत के सबसे तेज विकास दर हासिल करने वाले राज्य
Fastest Growing State Economy: भारत के सबसे तेज विकास दर हासिल करने वाले राज्यों की सूची सामने आ गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, गुजरात ने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के मामले में अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी है। आंकड़ों से पता चलता है कि यह राज्य पिछले एक दशक से अधिक समय से पहले नंबर पर है। स्थिर मूल्य पर इसका जीएसडीपी 8.2 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2011-12 में राज्य का जीएसडीपी 6.16 लाख करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 2020-21 में यह दोगुने से भी अधिक बढ़कर 12.48 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2021-22 का नवीनतम डेटा उपलब्ध नहीं है। संबंधित खबरें
दूसरे नंबर पर कर्नाटक
महाराष्ट्र के बाद, जिसकी जीएसडीपी 18.89 लाख करोड़ रुपये है, गुजरात जीएसडीपी के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। गुजरात के बाद कर्नाटक दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख राज्य अर्थव्यवस्था है, जिसने 7.3 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की है। वित्त वर्ष 2011-12 में इस दक्षिणी राज्य का जीएसडीपी 6.06 लाख करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 11.44 लाख करोड़ रुपये हो गया। कर्नाटक देश की चौथी सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था भी है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा वित्त वर्ष 2020-21 में 5.36 लाख करोड़ रुपये के जीएसडीपी के साथ सबसे तेजी से बढ़ती राज्य अर्थव्यवस्था के मामले में तीसरे स्थान पर है। वित्त वर्ष 2011-12 में राज्य की जीएसडीपी 2.97 लाख करोड़ रुपये थी।संबंधित खबरें
मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर
6.7 प्रतिशत सीएजीआर के साथ मध्य प्रदेश सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों की सूची में चौथे स्थान पर रहा। वित्त वर्ष 011-12 में इसका जीएसडीपी 3.16 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 5.65 लाख करोड़ रुपये हो गई। मध्य प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश ने वित्त वर्ष 2020-21 में 6.5 प्रतिशत की वार्षिक जीएसडीपी वृद्धि दर 6.70 लाख करोड़ रुपये दर्ज की है, जो वित्त वर्ष 2011-12 में 3.79 लाख करोड़ रुपये थी। तेलंगाना 6.1 प्रतिशत सीएजीआर के साथ सूची में छठे स्थान पर रहा। वित्त वर्ष 2020-21 तक अगले नौ वर्षों में राज्य की जीडीपी 3.59 लाख करोड़ रुपये (FY12) से बढ़कर 6.10 लाख करोड़ रुपये हो गई। संबंधित खबरें
तमिलनाडु-ओडिशा सातवें और आठवें स्थान पर
वित्त वर्ष 2011 में 12.46 लाख करोड़ रुपये के जीएसडीपी के साथ तमिलनाडु की 5.8 प्रतिशत सीएजीआर रही और वह सातवें स्थान पर रहा। ओडिशा 5.73 प्रतिशत सीएजीआर और 3.81 लाख करोड़ रुपये के जीएसडीपी के साथ आठवें स्थान पर है। दिल्ली 5.67 प्रतिशत की वार्षिक जीएसडीपी वृद्धि दर के साथ इस सूची में 9वें स्थान पर रही। दिल्ली की जीडीपी वित्त वर्ष 2011-12 के 3.44 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 5.65 लाख करोड़ रुपये हो गई। 10वें नंबर पर रहा असम। इस पूर्वोत्तर राज्य की वित्त वर्ष 2020-21 में 5.3 प्रतिशत सीएजीआर और 2.28 लाख करोड़ रुपये जीएसडीपी रही। संबंधित खबरें
केरल की विकास दर सबसे धीमी
जहां तक सबसे धीमी गति से बढ़ने वाले राज्यों का संबंध है, केरल 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ, जम्मू और कश्मीर 4.1 प्रतिशत सीएजीआर और झारखंड 4.2 प्रतिशत सीएजीआर के साथ विकास की गति के मामले में नीचे के तीन राज्य अर्थव्यवस्थाओं के रूप में उभरा है। छोटे राज्यों में मिजोरम वित्त वर्ष 2020-21 में 14,400 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था व 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाला राज्य बनकर उभरा है। मेघालय ने 2 प्रतिशत का सबसे धीमा सीएजीआर दर्ज किया। वित्त वर्ष 21 में इसकी जीडीपी 23,750 करोड़ रुपये थी।संबंधित खबरें
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अमित कुमार मंडल author
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