मोदी के गृह राज्य में WHO के DG: PM यूं पुकार किया स्वागत तो टेड्रोस ने लगाया तुलसी का पौधा, बोले- भारत वो...
WHO's Tedros Adhanom Ghebreyesus on Tulsi: वैसे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 में वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्मेलन के दौरान डब्ल्यूएचओ महानिदेशक को यह नाम (तुलसी भाई) दिया था।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
WHO's Tedros Adhanom Ghebreyesus on Tulsi: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक (डीजी) डॉ.टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस बुधवार (16 अगस्त, 2023) को हिंदुस्तान पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में उनका स्वागत खुद पीएम ने किया। मोदी ने इस दौरान उन्हें नया और देसी नाम देते हुए ‘तुलसी भाई’ कहकर संबोधित किया। डॉ.टेड्रोस ने इसके बाद वहां तुलसी का पौधा लगाया और कहा कि हम जिस चीज में यकीन करते (प्राइमरी हेल्थ केयर में निवेश) हैं, भारत वैसा ही कर रहा है।
उन्होंने भारतीय मीडिया से बातचीत के दौरान बताया, "मुझे तुलसी भाई नाम पसंद है। ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी एक औषधीय पौधा है। मैंने वेलनेस सेंटर में तुलसी का पौधा लगाया। चूंकि, इसके ढेर सारे फायदे हैं, इसलिए ऐसा कर के मैं काफी खुश हूं।"
वह आगे बोले- डब्ल्यूएचओ ने हमेशा आयुष्मान भारत का समर्थन किया है। हम यह मानते हैं कि देशों को बुनियादी हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश करना चाहिए। भारत ऐसा कर भी रहा है। मुझे खुशी है कि मुझे यहां आने का अवसर मिला। भारत ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है।
...तो इस वजह से इंडिया आए हैं ट्रेडोस
दरअसल, टेड्रोस पारंपरिक चिकित्सा पर गुजरात के गांधीनगर में होने वाले डब्ल्यूएचओ वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गांधीनगर पहुंचे। डब्ल्यूएचओ वैश्विक शिखर सम्मेलन 17-18 अगस्त को गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया है। इसकी मेजबानी केंद्रीय आयुष मंत्रालय कर रहा है। यह सम्मेलन क्षेत्र में नवीनतम वैज्ञानिक प्रगति का पता लगाने के वास्ते विशेषज्ञों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।हिंदू धर्म में तुलसी को देवी भी माना जाता है। (फाइल)
तस्वीर साभार : iStock
हमारे लिए क्यों खास है तुलसी?तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। लोग इसे घर के आंगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं। हिंदुस्तान की संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों और उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है। यही नहीं, ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में भी तुलसी का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है।
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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