Morbi Cable Bridge History:करोड़ों खर्च के बाद भी तमाम लोगों की मौत के जिम्मेदार 'मोरबी के झूलते हुए पुल' की कहानी

Gujarat's Morbi Bridge Collapses News: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना पुल टूटा कई लोग नदी में समाए, हादसे में 100 लोगों की मौत हो गई, इस पुल का इतिहास काफी पुराना है।

Gujarat's Morbi Bridge History

गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज यानी 'झूलते हुए पुल'का इतिहास काफी पुराना है

Gujarat's Morbi Bridge History:गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज यानी 'झूलते हुए पुल' के गिरने की खबर संडे शाम को आई इस घटना से अफरातफरी मची हुई है, बताते हैं कि हादसे में करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है और 70 से ज्यादा घायल हैं, इस 'झूलते हुए पुल' का इतिहास जानिए....

गौर हो कि 'झूलते हुए पुल' के रखरखाव पर काफी मोटा पैसा हर साल खर्च होता है लेकिन उसके बाद भी ये पुल 100 लोगों की जिंदगियां लील गया।

कब बना था मोरबी का ये 'झूलता हुआ पुल' (Morbi Cable Bridge)

बताते हैं कि मोरबी का पुल 1887 में बनाया गया था जिसे मोरबी के राजा वाधजी ठाकोर ने बनवाया था, यह पूल मच्‍छू नदी पर बना हुआ है। यह पूल 1.25 मीटर लम्बा और 233 मीटर चौड़ा है। यह पुल दरबारगढ़ महल और लखधीरजी इंजीनियरिंग कॉलेज को जोड़ने का काम करता है।

उस समय की उन्‍नत इंजीनियरिंग का जीता जागता नमूना है ये 'झूलता हुआ पुल'

मोरबी शासको द्वारा बनवाया यह पूल उस समय की उन्‍नत इंजीनियरिंग का जीता जागता नमूना है। यह पूल मार्बल से बना हुआ है। इस झूलते पूल का निर्माण मोरबी राज्य को एक अलग पहचान देने के उद्देश्य से, उस समय यूरोप में उपलब्ध तकनीक के आधार पर किया गया था। ध्यान रहे मोरबी राजकोट से मात्र 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मच्छू नदी के तट पर स्थित है राजकोट से रेल और सड़क द्वारा जुड़ा है।

मोरबी 'मच्छु नदी' के किनारे बसा हुआ शहर

गौर हो कि मोरबी (Morbi) या मोरवी (Morvi) भारत के गुजरात राज्य के मोरबी ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। मोरबी मच्छु नदी के किनारे बसा हुआ है। भारत के स्वतंत्र होने से पहले यह देशी राज्य पूर्वी कठियावाड़ सबएजेंसी के अधिकार में था। इसका क्षेत्रफल 822 वर्ग मील था। यहाँ के शासक (पदवी ठाकुर) जदेजा राजपूत थे और अपने को कच्छ के राव का वंशज मानते थे।

इसके सभी एतिहासिक स्मारकों को बाढ़ ने जर्जर कर दिया था

फरवरी 15, 1948 ई. में यह सौराष्ट्र में मिला दिया गया। अब यह क्षेत्र गुजरात राज्य में है। मयूरध्वज मोरबी के राजा थे। 1979 में आई बाढ़ के कारण मोरबी निर्जन हो गया था। इसके सभी एतिहासिक स्मारकों को बाढ ने जर्जर कर दिया था। लेकिन अब मोरबी ने एक बार फिर टाईल्स और घडी बनाने के कारखाने के बल पर अपने को खड़ा कर लिया है।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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