ज्ञानवापी में क्या-क्या मिला, सब सच आएगा सामने; दोनों पक्षों को सौंपी जाएगी ASI की सर्वे रिपोर्ट
Gyanvapi Survey Report: ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट पर जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंपी की जाएगी। ASI ने ई-मेल के जरिए रिपोर्ट भेजने का विरोध किया तो ये फैसला हुआ कि हिंदू और मुस्लिम पक्ष को रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दी जाएगी।
हिंदू-मुस्लिम पक्ष को सौंपी जाएगी ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट।
Varanasi News Today: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की जो रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल की थी, उसे कोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष को सौंपने की अनुमति दी है। रिपोर्ट को सौंपने पर जिला जज ने सहमति जताई है। आसान शब्दों में समझा जाए तो ज्ञानवापी में क्या-क्या मिला, सब सामने आएगा।
ज्ञानवापी पर वाराणसी जिला अदालत का फैसला
ज्ञानवापी केस को लेकर हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, 'आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी कि एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी। एएसआई ने ई-मेल के जरिए रिपोर्ट सौंपने पर आपत्ति जताई। इसलिए दोनों पक्ष रिपोर्ट की हार्ड कॉपी प्राप्त करने पर सहमत हुए।'
हिंदू-मुस्लिम पक्ष को सौंपी जाएगी सर्वे रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार हिंदू-मुस्लिम पक्ष को रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दी जाएगी। एएसआई ने कोर्ट में साइबर सुरक्षा का हवाला दिया। जिसके बाद ये फैसला लिया गया कि ई-मेल के जरिए रिपोर्ट की कॉपी नहीं, बल्कि हार्ड कॉपी दी जाएगी। ज्ञानवापी परिसर का यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था?
पिछले वर्ष एएसआई ने दाखिल की थी सर्वे रिपोर्ट
जिला न्यायाधीश ने लिफाफा खोलने और पक्षकारों को सर्वेक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए 24 जनवरी को सुनवाई की। पिछले वर्ष दिसंबर माह में एएसआई ने जिला अदालत में सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल की थी। हिन्दू याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने इससे पहले बताया था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने अपने अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव के जरिए ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल कर दी है।
किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था मस्जिद का निर्माण?
एएसआई ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का यह पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर के ढांचे पर किया गया था? सर्वेक्षण तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि यह कदम ‘न्याय के हित में आवश्यक’ है और इस विवाद में हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को फायदा होगा।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से किया था इनकार
पूर्व की सुनवाई के दौरान, मस्जिद प्रबंधन समिति ने सर्वेक्षण पर आपत्ति जताई थी और आरोप लगाया था कि एएसआई बिना अनुमति के मस्जिद परिसर के तहखाने और अन्य स्थानों पर खुदाई कर रहा है और पश्चिमी दीवार पर मलबा जमा कर रहा है, जिससे ढांचे के ढहने का खतरा पैदा हो सकता है। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने चार अगस्त को एएसआई सर्वेक्षण पर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
अपने आदेश में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने, हालांकि, एएसआई से सर्वेक्षण के दौरान कोई ऐसा कार्य नहीं करने को कहा जिससे ढांचे को नुकसान हो। शीर्ष अदालत ने किसी भी तरह की खुदाई पर भी रोक लगा दी थी जबकि वाराणसी की अदालत ने कहा था कि यदि आवश्यक हो तो यह की जा सकती है।
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