ज्ञानवापी केसः ASI रिपोर्ट आते ही BJP-RSS सेट करने लगेंगे नैरेटिव, हमें डर कि कहीं 'दूसरा बाबरी' न हो जाए- ओवैसी की आशंका

Asaduddin Owaisi on Gyanvapi Case: दरअसल, यूपी के वाराणसी में एएसआई ने पांच अगस्त 2023 को दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वे किया और इस दौरान अधिवक्ता अखलाक और मुमताज सहित मुस्लिम पक्ष के पांच लोग भी शामिल हुए। हालांकि, एक रोज पहले चार अगस्त 2023 को हुए सर्वे से जुड़े काम में मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं हुआ था।

AIMIM on ASI Survey

ओवैसी की यह टिप्पणी ज्ञानवापी में दूसरे दिन एएसआई सर्वे के बीच आई। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Asaduddin Owaisi on Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश (यूपी) के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के सर्वे को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आशंका जताई है कि एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) नैरेटिव सेट करने लगेंगे और ऐसे में उन्हें डर है कि कहीं फिर से छह दिसंबर 1992 की बाबरी विध्वंस सरीखी घटना न हो जाए।
शनिवार (पांच अगस्त, 2023) को उन्होंने इस बारे में समाचार एजेंसी को बताया, "एएसआई की जब रिपोर्ट आएगी, तब बीजेपी और आरएसएस नैरेटिव सेट करेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट का आर्डर आने से पहले यूपी के सीएम ने 'बिल्डिंग पुकार-पुकार' से जुड़ा बयान दे दिया। वह नैरेटिव सेट कर रहे थे। ऐसा ही एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद पूरे देश में नैरेटिव सेट किया जाएगा।"
वह आगे बोले- हम उम्मीद करते हैं कि न हो, मगर हमें इस बात का डर है कि कहीं छह दिसंबर 1992 (अयोध्या में बाबरी विध्वंस के संदर्भ में) न हो जाए। हमें यह आशंका है...हम नहीं चाहते हैं कि ऐसे कई सारे बाबरी मस्जिद वाले केस खुल जाएं। आप लोगों को याद दिला रहा हूं कि जब बाबरी मस्जिद का फैसला आया था तब मैंने कहा था कि यह सब मसले बढ़ेंगे।

देखिए, ओवैसी साहब ने आगे और क्या कहा?:

ओवैसी ने इससे पहले ट्वीट किया था, "उम्मीद है कि 23 दिसंबर और छह दिसंबर की घटनाएं दोहराई नहीं जाएंगी और पूजा स्थल अधिनियम की शुचिता के संबंध में अयोध्या मामले के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गयी टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने आगे ट्वीट किया, (अगर) एएसआई की ओर से ज्ञानवापी की सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है, तो कौन जानता है कि इसका असर क्या होगा। उम्मीद की जाती है कि 23 दिसंबर और छह दिसंबर की पुनरावृत्ति नहीं होगी। पूजा स्थल अधिनियम की शुचिता के संबंध में ‘अयोध्या मामले’ के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा है कि इससे हजारों ‘बाबरी मस्जिदों’ के द्वार नहीं खोले जाएंगे।

ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे के दूसरे दिन क्या हुआ?

उधर, यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक एएसआई का सर्वे चला। लगातार दूसरे दिन चले इस सर्वेक्षण में मुस्लिम पक्ष के पांच लोग भी थे, जिनमें दो वकील भी थे। इस बीच, हिंदू पक्ष के सूत्रों की ओर से कुछ न्यूज चैनलों को बताया गया कि सर्वे के दौरान हिंदू धर्म से जुड़ी कलाकृतियां और प्रतीक मिले। पश्चिमी दीवार से सटे तहखाने में चार फुट की मूर्ति मिली है और उस प्रतिमा पर कुछ कलाकृतियां भी हैं। साथ ही एक-दो फुट का त्रिशूल भी मिला। हालांकि, इस बारे में फिलहाल किसी प्रकार की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। (एएनआई और पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author

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