ज्ञानवापी केसः मुस्लिम पक्ष को झटका, चलता रहेगा ASI सर्वे, समय भी चार हफ्ते बढ़ा पर नहीं होगी खुदाई
Gyanvapi Case Latest Update in Hindi: टॉप कोर्ट ने शुक्रवार (चार अगस्त, 2023) को काशी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वेक्षण की मंजूरी देने वाले हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस दौरान मस्जिद कमेटी से कहा, "आप एक ही आधार पर हर अंतरिम आदेश का विरोध नहीं कर सकते। आपकी आपत्ति पर सुनवाई के दौरान फैसला किया जाएगा।"
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Gyanvapi Case Latest Update in Hindi: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को शुक्रवार (चार अगस्त, 2023) को तगड़ा झटका लगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की ओर से किया जाने वाला सर्वेक्षण जारी रहेगा। वैसे, वजूखाने को छोड़कर सर्वे किया जाएगा।
हालांकि, एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए कोर्ट ने कहा कि एएसआई ने स्पष्ट किया है कि पूरा सर्वे बिना किसी खुदाई और संरचना को कोई नुकसान पहुंचाए बगैर पूरा किया जाएगा। कोर्ट के मुताबिक, सर्वे की पूरी प्रक्रिया गैर-आक्रामक पद्धति से होगी। हम हाई कोर्ट के निर्देश को दोहराते हैं कि कोई खुदाई नहीं होगी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की वह अर्जी खारिज कर दी, जिसमें एएसआई सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी। टॉप कोर्ट ने इस दौरान कई सवाल भी उठाए और ऐसा बताया गया कि एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद जमा नहीं होगी।
मस्जिद कमेटी की ओर से दी गई ये दलीलेंमस्जिद कमेटी की ओर से कहा गया कि एएसआई सर्वेक्षण का मकसद इतिहास में जाने का है कि 500 साल पहले क्या हुआ था, यह अतीत के घावों को फिर से हरा कर देगा। अतीत के घावों को कुरेदना 1991 के कानून का उल्लंघन है, जो 1947 में मौजूद धार्मिक स्थलों के चरित्र को बदलने पर रोक लगाता है। एएसआई सर्वे इतिहास को खंगालता है और यह उपासना स्थल अधिनियम का उल्लंघन है। यह भाईचारे, धर्मनिरपेक्षता पर आघात करता है।
क्या है इस सर्वे का असल मकसद?दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद एएसआई के दस्ते ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह चालू किया। हालांकि, जुमे की नमाज के कारण सर्वे का काम दोपहर 12 से दो बजे तक के लिए रोका गया। ध्यान देने वाली बात है कि इस सर्वे का मकसद यह पता लगाना है कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया है? यह ज्ञानवापी मस्जिद 17वीं शताब्दी की है। (एएनआई-पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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